गुजराती विश्वकोश गुजराती भाषा का प्रथम तथा एकमात्र विश्वकोश है। इसका प्रकाशन गुजराती विश्वकोश ट्रस्ट द्वारा किया गया है। यह २५ भागों में है तथा १६६ से अधिक विषयों पर २,३०,००० से अधिक लेख हैं।

गुजराती भाषा में ज्ञानकोश ट्रस्ट
 
हीरालाल भगवती सभागार

गुजराती भाषा में ज्ञानकोश बनाने का विचार सर्वप्रथम संत श्री मोटाने के मन में आया। इसके लिये उन्होने गुजरात विश्वविद्यालय को १० लाख रूपयों का दान दिया। विश्वविद्यालय ने इसके लिये एक विभाग रचकर डॉ॰ धीरुभाइ ठाकर को इसका कार्य सौंपा। किन्तु सरकारी सहायता न मिलने के कारण काम आगे न बढ़ सका। १९८५ में गुजराती विश्वकोश ट्रस्ट की स्थापना हुई। श्रेणीक्भाइ कस्तुरभाइ उसके प्रथम अध्यक्ष बने।

प्रमुख विशेषताएँ

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  • गुजराती भाषा का एकमात्र सचित्र सर्वसंग्राहक ज्ञानकोश
  • १६६ विषयों पर ३० हजार अधिकरण हैं।
  • २५ भाग, प्रत्येक १००० पृष्ठों में।
  • गुजराती भाषा, साहित्य, संस्कृति और गुजराती जनता के बारे में विशेष जानकारी
  • भारत और विश्व के अनेक देशों से सम्बन्धित विस्तृत प्रमाणभूत जानकारी।
  • विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों द्वारा स्वतंत्र लेखन।

गुजराती विश्वकोश में सम्मिलित कुछ विषय

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