गुनिया- जरीब फीता सर्वेक्षण में गुनिया नामक यंत्र प्रयोग में लिया जाता है। इसका एक रुप प्रकाशीय गुनिया है। इसमें दो आयताकार दर्पण परस्पर 45° पर झुके होते हैं। इसकी कार्य प्रणाली दो उत्तरोत्तर दर्पण में प्रकाश किरण के उत्तरोत्तर परावर्तन नियम पर आधारित है। इसका एक रूप समयोज्य गुनिया है जिसका प्रयोग दो रेखाओं के मध्य संरेखण हैतू किया जाता है।

गुनिया के प्रकार- गुनिया दो प्रकार के होते है- (i) शाहजहानी गुनिया, और (ii) गंटरी गुनिया

(i) शाहजहानी गुनिया- शाहजहानी गुनिया के बारे में कहा जाता है कि बहुत पहले जब भारत में बादशाह शाहजहां का शासनकाल था उस समय उन्ही के द्वारा शाहजहानी जरीब का निर्माण करवाया गया जो उनके इलाको का सर्वे करवाने के लिए प्रयोग में लाया गया।

अब जब शाहजहानी जरीब जमीन को मापने के लिए बनाया जा चुका था तब एक समस्या आई कि इस जमीन के लिए बने हुए नक्शा की मापी कैसे की जाए, तब उन्ही के राजस्व मंत्री ______ ने कहा कि इस जरीब के लिए एक नक्शा को मापने वाला एक औजार बनाया जाए जो गुणित होकर जरीब के अनुसार एक अनुपात में बना था जिसकी सहायता से नक्शा को मापने पर उसी अनुपात में जरीब को चलाने पर नक्शा के अनुसार जमीन की पैमाईश कर दी जाती थी। इस औजार को गुनिया कहा जाने लगा और कालांतर में गंटरी गुनिया के आ जाने से इस गुनिया को शाहजहानी गुनिया का नाम दे दिया गया ।