गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी
गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी या गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरीज लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और लक्ष्मी नारायण मित्तल समूह की कंपनी मित्तल एनर्जी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड-सिंगापुर की संयुक्त उद्यम कंपनी एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी लिमिटेड (HMEL), द्वारा स्थापित एक तेल परिशोधिका है।[1]
यह परिशोधिका (रिफाइनरी), भारत के राज्य पंजाब के भटिंडा जिले के एक गांव फुल्लोखारी में स्थित है। इस परिशोधिका के लिए बिछाई गयी कच्चे तेल की पाइपलाइन की लंबाई लगभग 1014 किलोमीटर है जो गुजरात के मुन्द्रा से शुरु होकर भटिंडा तक आती है। इसके लिए गुजरात के मुन्द्रा में सागरतट से लगभग छह किलोमीटर दूर (अन्दर) एक कच्चे तेल का टर्मिनल स्थापित किया गया है और इसकी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक 165 मेगावाट का कैप्टिव बिजली संयंत्र भी स्थापित किया गया है।
गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी परियोजना पंजाब में किसी भी स्थान पर किया गया सबसे बड़ा एकल निवेश है। यह राज्य में स्थापित की जाने वाली पहली तेल और गैस परियोजना है। यह परिशोधिका यूरो-IV उत्सर्जन मानदंडों के अनुरूप पेट्रोलियम उत्पादों का उत्पादन करेगी।
इस परिशोधिका का लोकार्पण २८ अप्रैल २०१२ को भारत के प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह द्वारा किया गया।[2]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ https://web.archive.org/web/20190325173356/http://www.hmel.in/ggsr-project. मूल से 25 मार्च 2019 को पुरालेखित. गायब अथवा खाली
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(मदद) - ↑ http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=15046 Archived 2014-04-29 at the वेबैक मशीन गुरू गोबिंद सिंह तेल शोधक कारखाना देश को समर्पित करने के अवसर पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री डॉ॰ मनमोहन सिंह का सम्बोधन