गैवरिलो प्रिंसिप
गैवरिलो प्रिंसिप (Gavrilo Princip ; सर्बियायी भाषा : Гаврило Принцип, pronounced [ɡǎʋrilɔ prǐntsip]; 1894 – 1918) बोस्निया का एक सर्ब राष्ट्रवादी छात्र था जिसने आस्ट्रिया के राजकुमार आर्कड्यूक फ्रांस फर्डीनांड और उनकी पत्नी की २८ जून १९१४ को हत्या कर दी। अन्ततः यही घटना प्रथम विश्वयुद्ध का कारण बनी।
प्रिंसिप सर्बों के लिए 'नायक' की तरह था, जो ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्यवाद से उन्हें आजादी दिलाना चाहता था। प्रिंसिप की जेल में 1918 में मृत्यु हो गई। दो वर्ष बाद उसकी अस्थियों को सारायेवो लाकर दफना दिया गया और हाल तक उसे 'मिट्टी का लाल' कहा जाता रहा।