गाउस का नियम

गाॅस का प्रमेय
(गॉस प्रमेय से अनुप्रेषित)

भौतिकी में गाउस का नियम (Gauss's law) वह नियम है जो विद्युत आवेश के वितरण एवं उनके कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र में संबंध स्थापित करता है। इस नियम के अनुसार,यह बात सत्य है कि

कार्ल फ्रेड्रिक गाउस


किसी बंद तल से निकलने वाला विद्युत फ्लक्स उस तल द्वारा घिरे हुए कुल विद्युत आवेश की मात्रा का 1/ε0 गुना होता है।

जहाँ ε0 = वायु या निर्वात की वैद्युतशीलता ये सछम ने लिखा इस नियम का प्रतिपादन सन् 1835 में कार्ल फ्रेडरिक गाउस (Carl Friedrich Gauss) ने किया था किन्तु इसका प्रकाशन सन् 1867 तक नहीं क र सके। यह नियम मैक्सवेल के चार समीकरणों में से एक है। गाउस का नियम, कूलाम्ब के नियम से निष्पादित (derive) किया जा सकता है। (इसका उलटा भी सत्य है - कूलाम्ब का नियम, गाउस के नियम से निकाला जा सकता है।)

निर्वात में गाउस का नियम

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इस नियम के अनुसार, किसी बन्द पृष्ठ == समाकलन

अवकलन रूप में

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जहाँ:

  •   – विद्युत क्षेत्र का डाइवर
  • ्जेंस है;
  •   – आवेश घनत्व है।
  • Aavesh ek sadish Rashi hai
  • E=kq/r(square)

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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