गोंडवाना क्रम की श्रेणियों का निर्माण मध्य कार्बनी काल मे हुआ था। इसकी द्रोणियो में ऊपरी कार्बनी से जुरैसिक तक की अवधि में अवसादों का जमाव होता रहा। अवसादों के जमाव के कारण इनका आकार काफी बड़ा होता गया। अनुकूल वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण इस क्षेत्र में घने वन उग आए, जो हरसीनियन हलचलों के कारण मलबे में दब गए। ये क्रम काफी बड़े क्षेत्र में लंबे समय तक चलता रहा जिसके कारण इस क्षेत्र में कोयले के विशाल भंडार मिलते है।

मध्य प्रदेश के प्राचीन गोंड राज्य (गोंड राजवंश) के नाम पर इस क्षेत्र को गोंडवाना नाम दिया गया। भारतीय भूभाग से जुड़े इसके अन्य हिस्से जैसे ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका तथा अंटार्कटिका तक इस क्रम का वितरण मिलता है। भारत मे इसका विस्तार 4 प्रमुख भागो में मिलता है-

  • 1. दामोदर नदी घाटी क्षेत्र
  • 2. महानदी घाटी
  • 3.गोदावरी, वेनगंगा घाटी
  • 4.कच्छ, काठियावाड़,पश्चिम राजस्थान, तथा हिमालयी क्षेत्र के कुछ भाग