गोखुर झील
परिभाषा- मैदानी क्षेत्रों मे नदी की धारा दाएं बाए बल खाती हुई प्रवाहित होती है और विसर्प का निर्माण करती है, ये विसर्प S आकार के होते हैं, जब नदी अपने विसर्प को त्याग कर सीधा रास्ता पकड़ लेती है तब नदी का अपशिष्ट भाग गोखुर झील कहलाता है। जैसे उत्तर भारत की मैदानी झीले
गोखुर झील या छाड़न झील अथवा चापाकार झील (अंग्रेजी: Oxbow lake) एक प्रमुख प्रवाही जल (नदी) अप्रदनात्मक कृत हैं जो नदी की प्रौढावस्था के बाद उसके विसर्पों के अर्धचंद्राकार हिस्सों के मूल धारा से कट जाने और उनमें जल इकठ्ठा हो जाने से होता है।
![]() | यह भूगोल से सम्बंधित लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |
नदिया गोखुर झीलों का निर्माण मंद ढाल वाले मैदानों पर करती है। गोखुर झीलों का सतही क्षेत्रफल अधिक तथा गहराई कम होता है। प्रत्येक विसर्ग दो तरह की भुजाये होती है उत्तल भुजा , अवतल भुजा उत्तल भुजा पर वेग कम होता है जबकि अवतल भुजा पर वेग अधिक होता है।