गोदावरीश मिश्र
ओड़िया भाषा के साहित्यकार
गोदावरीश मिश्र ओड़िया भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित आत्मकथा ‘अर्द्धशताब्दीर ओड़िशा ओ तहिंरे मो स्थान’ के लिये उन्हें सन् १९६१ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (ओड़िया) से सम्मानित किया गया।[1]
गोदावरीश मिश्र | |
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गोदावरीश मिश्र की पोर्ट्रेट | |
जन्म |
26 अक्टूबर 1886 |
मौत |
26 जुलाई 1956 | (उम्र 69 वर्ष)
आवास | ओड़िशा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | दर्शनशास्त्र में बी.ए , अर्थशास्त्र में एम.ए |
शिक्षा की जगह | रेवेन्शौ कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय |
पदवी | पण्डित |
प्रसिद्धि का कारण | समाज सुधारक, राजनेता, संपादक, स्तंभकार, लेखक |
पुरस्कार | केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार (1961) |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.