गोपीनाथ कालभोर

हिंदी और पवारी के लोकप्रिय लेखक और कवि थे उनका जन्म ग्राम रोंढा, बैतूल, मध्यप्रदेश में हुआ था

गोपीनाथ कालभोर (15 मई 1945 - 26 जुलाई 2017 ) हिंदी और पवारी के लोकप्रिय लेखक और कवि थे उनका जन्म ग्राम रोंढा, बैतूल, मध्यप्रदेश में हुआ था । इनके द्वारा पवारी बोली का पुख्ता व्याकरण तैयार किया गया । गोपीनाथ कालभोर द्वारा 1984 में "भोज पर्णिका" त्रैमासिक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया जिसमें पवारी बोली कविताओं एवं लेख के माध्यम से पवारी साहित्य का प्रचार प्रसार किया जाता था ।गोपीनाथ कालभोर जी द्वारा पवारी काव्य रचनाओ का संकलन किया था था जिसे हिंदी ग्रंथ अकादमी भोपाल द्वारा वर्ष 2015-2016 में पुस्तकाकर में प्रकाशित किया गया था [1]

गोपीनाथ_कालभोर
जन्म15 मई 1945
रोंढा, बैतूल, मध्यप्रदेश , भारत
मौत26 जुलाई 2017
पेशालेखक
राष्ट्रीयताभारतीय
कालआधुनिक काल
विषयसामाजिक और कृषक-जीवन

प्रमुख रचनाएं संपादित करें

  • पवारी बोली काव्य संकलन [2]
  • आइये गणमान्य बजाइये गणतन्त्र
  • पँवारी लोकगीत
  • मानस में मंगल महिमा
  • बच्चों का बिगड़ना(क्यो और कैसे)
  • संकट में हँसता लोकतंत्र
  • ग्रन्थालय विज्ञान विविध आयाम
  • अमन की बात भी करते चलें (अंतिम कृति)
  • प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरणीय सजगता
  • पुस्कालय शिक्षा और समाज
  • ग्रामीण पुस्तकालय विकास और शिक्षा- प्रसार
  • गोपाल कृष्ण गोखले जीवन और दर्शन अन्य

सम्मान संपादित करें

सतत सक्रिय गोपीनाथ कालभोर जी को 23 प्रादेशिक व राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त थे[3]


सन्दर्भ संपादित करें

  1. "गोपीनाथ_कालभोर".
  2. "गोपीनाथ_कालभोर".
  3. "गोपीनाथ_कालभोर".