गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना
गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना एक प्रस्तावित नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र है जो हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गाँव में में स्थित होगा। 13 जनवरी 2014 को इस परियोजना के पहले चरण का शिलान्यास प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह द्वारा किया गया।[1][2]
गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना | |
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देश | भारत |
निर्देशांक | 29°26′29″N 75°37′56″E / 29.44139°N 75.63222°Eनिर्देशांक: 29°26′29″N 75°37′56″E / 29.44139°N 75.63222°E |
स्थिति | शिलान्यास |
निर्माण शुरू | 2014-15(Planned) |
नियुक्त करने की तारीख | 2020-21(Planned) |
निर्माण लागत | ₹ 20,594 करोड़ |
स्वामित्व | न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया |
परमाणु ऊर्जा स्टेशन | |
रिएक्टर प्रकार | PHWR |
विद्युत उत्पादन | |
इकाइयों की योजना बनाई | 4 x 700 MW |
परियोजना
संपादित करें2800 मेगावाट की परियोजना के अंतर्गत 700 मेगावाट क्षमता वाले चार रिएक्टरों को दो चरणों में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। प्रथम चरण में 700 मेगावाट के 2 यूनिट होंगे। यह कार्य 2020-21 में पूरा होने की संभावना है।[1]
== भर्ती = पहली कर्मचारी नाम लिस्ट जारी 12.112019 को होगी ।
टेक्नोलॉजी
संपादित करेंयह संयंत्र भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित स्वदेशी प्रौद्योगिकी पर आधारित है।[1] और निर्माणाधीन काकरापार एटॉमिक पॉवर स्टेशन की यूनिट 3 व 4 तथा राजस्थान एटॉमिक पॉवर स्टेशन की यूनिट 7 व 8 के समान हैं। आकार और डिज़ाईन विशेषताएँ तारापुर एटॉमिक पॉवर स्टेशन की 540 MWe क्षमता वाली यूनिट 3 व 4 के लगभग समान हैं।[3]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ इ "प्रधानमंत्री डॉ॰ मनमोहन सिंह ने 2800 मेगा वाट गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना की आधारशिला रखी". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 13 जनवरी 2014. मूल से 22 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 फ़रवरी 2014.
- ↑ "फतेहाबाद में परमाणु विद्युत संयंत्र". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 6 फ़रवरी 2014. मूल से 22 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 फ़रवरी 2014.
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