गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिंग फंड

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडिड फंड एक प्रकार की व्यापारिक निधि होते हैं, जिन्हें व्यापार में क्रय-विक्रय किया जा सकता है। ये अन्य कमोडिटी के समान ही प्रयोग किए जाते हैं। इनमें स्वर्ण का मूल्य केवल शेयरों की तरह ही दर्शाया गया होता है। गोल्ड ईटीएफ ओपन एंडिड म्यूचुअल फंड स्कीम है जो निवेशकों द्वारा एकत्र किए गए पैसे से गोल्ड बुलियन (०.९९५% शुद्धता) में निवेश करती हैं।[1] गोल्ड ईटीएफ की नेट एसेट वैल्यू का निर्धारण सोने की कीमत के आधार पर होता है। अमेरिका का सबसे बड़ा गोल्ड ईटीएफ स्ट्रीट ट्रैक्स ग्राहकों की होल्डिंग के बराबर सोना बैंक के वाल्ट में सुरक्षित रखता है। गोल्ड ईटीएफ में खरीदने और बेचने की छूट दी जाती है और यही इसका सबसे बड़ा लाभ होता है। गोल्ड एक्स्चेंज ट्रेडिंग विश्व के प्रमुख स्टॉक एक्स्चेंज जैसे मुंबई, लंदन, ज़्यूरिख, पैरिस, न्यूयॉर्क में की जाती है।

एक्सचेंज ट्रेडिड फंड का आरंभ १९९० के दशक के प्रारम्भिक दौर में हुआ था। इसे पहली बार टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज में प्रतुत किया गया था और इसी दशाक में अमेरिका और अन्य बाजारों में इसे आरंभ किया गया।[1] भारत में इसकी स्थापना काफ़ी बाद में २००० के दशक के उत्तरार्ध में हुई थी। २००७ में पहले गोल्ड ईटीएफ की स्थापना हुई और उसके बाद यूटीआई, कोटक और प्रूडेंशियल और रिलायंस ने गोल्ड ईटीएफ को बाजार में निकाले।

गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से निवेशक सोने को डीमैट फॉर्म में खरीद सकते हैं और इससे भौतिक रूप में सोने को खरीदने से जुड़े खतरे कम हो जाते हैं। इसके भंडारण और सुरक्षा से जुड़े बिन्दु निवेश की होल्डिंग यूनिट्स में दिखाई जाती है जो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती हैं।[1] यह पूर्णतया संचालित निधि होती हैं जिनमें स्पॉट मार्केट में सोने के मूल्य के सूचकांक के अनुसार क्रय-विक्रय किया जाता है।


सन्दर्भ संपादित करें

  1. ईटीएफ। हिन्दुस्तान लाइव।(हिन्दी)१६ अक्टूबर, २००९

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