गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (पंतनगर विश्वविद्यालय या केवल "पंतनगर") भारत का पहला कृषि विश्वविद्यालय है। इसका उद्घाटन जवाहरलाल नेहरू द्वारा १७ नवंबर, १९६० को उत्तर प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के नाम से किया गया था। वर्ष १९७२ में इसका नाम महान स्वतन्त्रता सेनानी गोविन्द बल्लभ पंत के नाम पर गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कर दिया गया। यह विश्वविद्यालय पंतनगर नामक परिसर-कस्बे में पड़ता है जो उत्तराखण्ड के उधमसिंहनगर जिले में है। यह विश्वविद्यालय भारत में हरित क्रांति का अग्रदूत माना जाता है।
गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय | |
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आदर्श वाक्य: | ग्रामो का विकास, राष्ट्र का विकास |
स्थापित | १७ नवम्बर १९६० |
प्रकार: | सार्वजनिक, भूमि अनुदान |
कुलाधिपति: | shree mati babi Rani maruya |
स्नातक: | २८००-३००० |
स्नातकोत्तर: | ५०० |
अवस्थिति: | पंतनगर, उत्तराखण्ड, भारत |
परिसर: | ग्रामीण |
सम्बन्धन: | भाकृशोप |
जालपृष्ठ: | www.जीबीपीयूएटी.एसी.इन |
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- विश्वविद्यालय का आधिकारिक जालपृष्ठ (अंग्रेज़ी)
- ....अब वैश्विक प्रतिस्पर्धा की तैयारी में पंतनगर विश्विद्यालय इंटरनेशनल कालेज ऑफ एग्रीकल्चर की शुरुआत
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