गोविन्द स्वरुप
गोविन्द स्वरुप एक रेडियो खगोलशास्त्र के जाने-माने वैज्ञानिक थे। उनका जन्म २३ मार्च १९२९ को ठाकुरद्वारा, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
शिक्षा एवं कैरियर
संपादित करें1950 में उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम॰एस॰सी॰ की डिग्री ली। फिर उन्होंने 1961 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पी॰एच॰डी॰ की डिग्री ली। 1963 में डॉ॰ होमी जहांगीर भाभा से बातचीत के बाद भारत आने पर उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टी॰आइ॰एफ॰आर॰) जॉयन कर लिया और रेडियो एस्ट्रोनोमी ग्रुप की स्थापना की। वह 1987 में जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोसप (जी॰एम॰आर॰टी॰) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने, फिर 1993 में टी॰आइ॰एफ॰आर॰ के नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स (एन॰सी॰आर॰ए॰) के सेंटर डायरेक्टर और 1994 में टी॰आइ॰एफ॰आर॰ से रिटायर हुए।[1][2]
उन्होंने पुणे के पास दुनिया को सबसे बड़े टेलिस्कोपों में से एक- जायंट मीटरवेव रेडियो टेलिस्कोप (जी॰एम॰आर॰टी॰) को स्थापित किया। इसी के साथ उन्होंने ऊटी में भी एक रेडियो टेलिस्कोप (Ooty Radio Telescope) (ओ॰आर॰टी॰) की स्थापना की।
पुरस्कार
संपादित करें१९७२ में अपने कार्यों के लिए उन्हें शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार और 1973 में पद्म श्री सम्मान प्राप्त हुआ। वह फेलोशिप ऑफ रॉयल सोसायटी सहित कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के फैलो थे।
मृत्यु
संपादित करें७ सितम्बर २०२० को ९१ वर्ष की उम्र में पुणे में उनकी मृत्यु हो गई।