गो गोआ गॉन
गो गोवा गॉन ज़ॉम्बीज़ पर बनी राज निदिमोरु और कृष्णा डीके द्वारा निर्देशित और सैफ़ अली ख़ान, कुणाल खेमू, वीर दास, पूजा गुप्ता एवं आनंद तिवारी अभिनीत बॉलीवुड की 2013 फ़िल्म है। यह 10 मई 2013 को जारी की गयी और समीक्षकों से मिश्रित समीक्षाएं प्राप्त कर पायी, जिसने टिकट-खिडकी पर औसत से अच्छा धन अर्जित किया। गो गोवा गॉन को इसकी कटोर भाषा (अभिशाप्त शब्दों) के कारण 'व' प्रमाण पत्र मिला।[2]
गो गोवा गॉन | |
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निर्देशक | राज निदिमोरु और कृष्णा डीके |
कहानी | राज निदिमोरु, कृष्णा डीके, हरिश बलोच |
निर्माता |
सैफ़ अली ख़ान दिनेश विजन सुनील लुला |
अभिनेता |
सैफ़ अली ख़ान कुणाल खेमू वीर दास आनंद तिवारी पूजा गुप्ता लारिसा बोनेसी |
छायाकार | दान मैकआर्थर, लुकाज़ प्रुचनिक |
संपादक | अरिंदम घटक |
संगीतकार | सचिन जिगर |
वितरक | इरॉस इंटरनेशनल और इल्युमिनाती फिल्म्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
108 मिनट[1] |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
लागत | ₹16 करोड़ (US$2.34 मिलियन) |
कुल कारोबार | ₹31 करोड़ (US$एक्स्प्रेशन त्रुटि: round का घटक नहीं मिला मिलियन) |
पटकथा
संपादित करेंहार्दिक (कुणाल खेमू), लव (वीर दास) और बनी (आनंद तिवारी) रेव पार्टी मनाने के लिए एक द्वीप में जाते हैं। यहां लव की मुलाक़ात लूना (पूजा गुप्ता) से होती है। लूना भी अपने दोस्तों के साथ पार्टी मनाने यहां आई हुई है। वहां पर एक खास किस्म की ड्रग्स खाकर कई लोग मर जाते हैं और जॉम्बी (नीरस व्यक्ति जिन पर किसी जादू का प्रभाव हो) बन जाते हैं। दरअसल ज़ॉम्बीज़ वो लोग होते हैं जिनके दिमाग़ का एक छोटा सा हिस्सा मरने के बाद भी काम करता रहता है, जिसकी वजह से ये लोग चहलकदमी करते नज़र आते हैं। हार्दिक, लव और बनी ड्रग नहीं लेते और ज़िंदा बच जाते हैं। ज़ॉम्बीज़ उनका पीछा करते हैं। लूना के भी दोस्त जॉम्बी बन चुके हैं। वो चारों किसी तरह से जॉम्बीज़ से बचना चाहते हैं, क्योंकि अगर किसी जॉम्बी ने उनमें से किसी एक को भी काट लिया तो वो भी जॉम्बी बन जाएगा। उनके लिए सहारा बनकर आता है बोरिस (सैफ़ अली ख़ान) और उसका एक दोस्त जिन्हें मालूम है कि ज़ॉम्बी को कैसे मारा जाता है। और इस प्रकार कथा आगे बढ़ती है।
पात्र
संपादित करें- सैफ़ अली ख़ान - बोरिस
- कुणाल खेमू - हार्दिक
- वीर दास - लव
- आनंद तिवारी - बनी
- पूजा गुप्ता - लूना
- लारिसा बोनेसी - ऑफिस की लड़की
- सुपर्ण वर्मा - हार्दिक का ऑफ़िस का बॉस
- रॉस बुचर्न - निकोलायी
संगीत
संपादित करेंगो गोवा गॉन | |
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चित्र:Go Goa Track.jpg | |
ध्वनि-पट्टी सचिन जिगर द्वारा | |
जारी | 10 मई 2013 |
संगीत शैली | ध्वनि एलबम |
लेबल |
सोनी संगीत इरॉस |
फ़िल्म का संगीत सचिन-जिगर द्वारा तैयार किया गया है। गीत प्रिया पंचाल और अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखे हैं तथा बोल जिगर सरैया, तालिया बेंटसन, सचिन संघवी, प्रिया पंचाल और श्रेया घोषाल के हैं।
गीत | गायक | गीतकार |
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"स्लोली स्लोली" | जिगर सरैया, तालिया बेंटसन | प्रिया पंचाल |
"खून चूस ले" | अर्जुन कनुंगो सूरज जगन, प्रिया पंचाल | अमिताभ भट्टाचार्य |
"बबली की बूटी" | सचिन संघवी, जिगर सरैया | अमिताभ भट्टाचार्य |
"खुशामदीद" | श्रेया घोषाल | प्रिया पंचाल |
"आय कील डैड पीपल" | सैफ़ अली ख़ान |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Go Goa Gone (15)". ब्रिटिश बोर्ड ऑफ़ फ़िल्म क्लासिफिकेशन. मूल से 17 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 जुलाई 2013.
- ↑ TNN Mar 25, 2013, 12.00AM IST (2013-03-25). "Go Goa Gone: सैफ़ अली ख़ान turns a zombie hunter". द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया. मूल से 21 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-07-14.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)