गौरीशंकर
गौरीशंकर (गौरी शंकर ) Gaurishankar (also Gauri Sankar or Gauri Shankar) in English तिब्बती भाषा में (जोमो सेरिंगमा) हिमालय में एक पर्वत है, जो मेलुंग्त्से (7,181 मी) के दक्षिण में, रोल्वालिंग हिमाल की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है। यह नाम हिंदू देवी गौरी, दुर्गा या पार्वती का एक दूसरा नाम और उनके पति शंकर यानि शिव से लिया गया है। जो कि उनके पवित्र संबंध को दर्शाता है,जिसे तिब्बत और नेपाल के लोगों द्वारा पुजा जाता है। बौद्ध शेरपा इसे जोमो सेरिंगमा कहते हैं।[3] नेपाल मानक समय (GMT + 05: 45) इस पर्वत शिखर के मेरिडियन पर आधारित है।[4]
गौरीशंकर | |
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उच्चतम बिंदु | |
ऊँचाई | 7,134 मी॰ (23,406 फीट) [1][2][notes 1] |
उदग्रता | 1,600 मी॰ (5,200 फीट) [1][notes 1] |
सूचीयन | Ultra |
निर्देशांक | 27°57′12″N 86°20′09″E / 27.95333°N 86.33583°Eनिर्देशांक: 27°57′12″N 86°20′09″E / 27.95333°N 86.33583°E [1] |
नामकरण | |
हिन्दी अनुवाद | The Goddess and her Consort |
भाषा का नाम | संस्कृत |
भूगोल | |
स्थान | नेपाल–चीन |
मातृ श्रेणी | रोल्वालिंग हिमाल |
आरोहण | |
प्रथम आरोहण | May 8, 1979 by जांन रोसकैली और दोरजी शेरपा |
सरलतम मार्ग | snow/ice climb |
स्थान
संपादित करेंगौरीशंकर काठमांडू के उत्तर-पूर्व में लगभग 100 किलोमीटर (62 मील) रोल्वालिंग हिमाल के पश्चिमी किनारे के पास स्थित है। (यह लगभग काठमांडू और माउंट एवरेस्ट के बीच स्थित है, और काठमांडू से दिखाई देता है।) इस शिखर के पश्चिम में भोतेे कोसी घाटी है, जो कि रोल्वालिंग हिमाल की पश्चिमी सीमा भी है। इसके उत्तर में मेनलुंग चू स्थित है, जो इसे मेलुंगत्से शिखर से अलग करती है। दक्षिण में रोलावलिंग चू स्थित है, जो टेसी लापचा दर्रे की ओर जाता है, जो कि खुम्ब वेली क्षेत्र तक जाने का रास्ता प्रदान करता है।[5] यह दोलखा जिले में है।
उल्लेखनीय विशेषताएं
संपादित करेंइस पर्वत के दो शिखर हैं, उत्तरी (उच्च) शिखर जिसे शंकर (शिव के आविर्भाव ) कहा जाता है और दक्षिणी शिखर को गौरी कहा जाता है (शिव के संघात की अभिव्यक्ति)। यह केवल 5 किमी दूर भोत कोसी नदी के ऊपर नाटकीय रूप से ऊभर कर उपर उठता है,[6][7] और हर तरफ खड़ी और ऊंची दीवार जेसी चढ़ाई उसे सुरक्षित रखती है।hkjkm
चढ़ाई का इतिहास
संपादित करेंगौरी शंकर पर चढ़ने का पहला प्रयास 1950 और 1960 के दशक में किया गए थे, लेकिन मौसम, हिमस्खलन और मुश्किल बर्फ के चेहरे ने सभी दलों को हरा दिया। [8] 1965 से 1979 तक, पहाड़ को चढ़ाई के लिए आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया था। जब अंततः 1979 में अनुमति दी गई, तो एक अमेरिकी-नेपाली अभियान ने अंततः पश्चिमी छोर के माध्यम से शिखर पर सफलता हासिल करने में कामयाब हुई। [3] यह एक अत्यधिक तकनीकी और कठिनाई भरा मार्ग था। नेपाली पर्यटन मंत्रालय के परमिट ने निर्धारित किया था कि शिखर टीम केवल तभी पहुंच सकता है जब दोनों देशों के समान संख्या में पर्वतारोही दल शिखर टीम में शामिल हों। जॉन रोस्केल्ली और दोरजे शेरपा ने उस दायित्व को पूरा किया। [5] उसी वर्ष, पीटर बोर्डमैन के नेतृत्व में एक ब्रिटिश-नेपाली अभियान दल दक्षिण-पश्चिम रिज के लंबे और कठिन चढ़ाई के बाबजुद शिखर पर जीत हासिल की। 8 नवंबर, 1979 को बोर्डमैन, टिम लीच, गाइ निडहार्ट और पेम्बा लामा ने दक्षिणी शिखर "गौरी" (7010 मी।) पर पहुंचे [9] हालांकि उन्होंने मुख्य शिखर "शंकर" के लिए लंबे समय तक अतिरिक्त यात्रा नहीं की, लेकिन उनकी चढ़ाई अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। 1983 में गौरीशंकर पर एक स्लोवेनियाई टीम द्वारा फिर से शिखर पर पहुँचे।[10][11] मुख्य शिखर (7134 मी) 1 नवंबर को स्लावको कंकर (अभियान नेता), बोजन सरोट और स्मिलजन स्मोडीज़ पहुँचा गये और तीन दिन बाद फ्रेंको पेपेवनिक और जोजे जुपान भी पहुंचने में सफल रहे। वे दक्षिण मुख के दक्षिण पश्चिम रिज पर पहुंचने के लिए बाईं ओर चढ़ गए, फिर मुख्य शिखर तक उसी रास्ते बढ़ते गए। [12] हिमालयन इंडेक्स के अनुसार गौरी शंकर के मुख्य शिखर के केवल दो अतिरिक्त आरोही को सूचीबद्ध करता है।[13] दूसरा चढ़ाई 1984 के वसंत में विमन कुल्ब्रेथ और आंग कामी शेरपा द्वारा किया गया था, जो दक्षिण-पश्चिम के चेहरे पर एक नए मार्ग के माध्यम से था। तीसरी चढ़ाई (और पहली शीतकालीन चढ़ाई), जनवरी 1986 में, दक्षिण कोरियाई चोई हान-जो और आंग कामी शेरपा द्वारा की गई थी। [14]
2013 के शरद ऋतु के दौरान एक फ्रांसीसी पर्वतारोहियों की चार-पुरुषो कि टीम द्वारा अंततः पूरा दक्षिण दीवार को चढ़ा गया था। 21 अक्टूबर को शाम 4 बजे दक्षिण मुख की चोटी पर पहुंचने के बाद, उन्होंने 7,010 मीटर दक्षिण शिखर को जारी नहीं रखने का फैसला किया। दीवार की तह तक उतरने में उन्हें 11 घंटे लगे।[10]
चित्र प्रदर्शनी
संपादित करें-
कलिनचौक (2900 मी।) से गौरीशंकर पर्वत (7134 मी) का विहंगम दृश्य।
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कलिनचौक से गौरीशंकर की पैनोरमा पर्वत श्रृंखला।
फुटनोट
संपादित करेंइस शिखर की ऊंचाई और प्रमुखता पर सूत्र व्यापक रूप से भिन्न हैं। उदाहरण के लिए पीकबैगर 7134 मीटर की ऊंचाई और 1709 मीटर की प्रमुखता देता है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ इ "High Asia II: Himalaya of Nepal, Bhutan, Sikkim and adjoining region of Tibet". Peaklist.org. मूल से 6 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 May 2014.
- ↑ "Gaurishankar, China/Nepal". Peakbagger.com. अभिगमन तिथि 30 May 2014.
- ↑ अ आ Read, Al (1980). "The Nepalese-American Gaurishankar Expedition". American Alpine Journal. American Alpine Club. 22 (2): 417. मूल से 6 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 January 2015.
- ↑ Gurung, Trishna. "15 minutes of fame". Nepali Times. मूल से 25 July 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 September 2012.
- ↑ अ आ Fanshawe, Andy; Venables, Stephen (1995). Himalaya Alpine-Style. Hodder and Stoughton.
- ↑ Ohmori, Koichiro (1994). Over The Himalaya. Cloudcap Press (The Mountaineers). आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0938567370.
- ↑ DEM files for the Himalaya Archived 2009-12-10 at the वेबैक मशीन (Corrected versions of SRTM data)
- ↑ Neate, Jill (1989). High Asia: An Illustrated History of the 7000 Metre Peaks. The Mountaineers. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0898862386.
- ↑ Boardman, Peter (1983). Sacred Summits. London: Arrow Books, LTD. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0099310402.
- ↑ अ आ Griffen, Lindsay (November 5, 2013). "South face of Gaurishankar finally climbed". British Mountaineering Council. मूल से 3 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 January 2015.
- ↑ "An interview with Aco Pepevnik". 16 June 1997. मूल से 3 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 January 2015.
- ↑ Griffin, Lindsay (2014). "Gaurishankar (to Point 6,850m), south face, Peine Prolongée". American Alpine Journal. American Alpine Club. मूल से 3 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 January 2015.
- ↑ "Himalayan Index". Alpine Club. मूल से 17 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 January 2015.
- ↑ "AAJ online". American Alpine Journal: 237. 1986. मूल से 20 January 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 January 2015.