ग्राम-धनात्मक बैक्टीरिया

ग्राम-धनात्मक बैक्टीरिया (Gram-positive bacteria) वे बैक्टीरिया होते हैं जो ग्राम अभिरंजन परीक्षण में क्रिस्टल वायोलेट (crystal violet) नामक रंग (रंजक) से अभिरंजित किए जाने पर उस रंग को पकड़ते हैं और नीले या जामुनी हो जाते हैं। ऐसे बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति (कोशिकाओं की दिवारें) पेप्टाइडोग्लाइकैन (peptidoglycan) की मोटी परतों से बनी होती है जो इस रंग को सोखकर बैक्टीरिया का रंग बदल देती है। ग्राम-धनात्मक कई रोग फैलाते हैं लेकिन वे एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक) से ग्राम-ऋणात्मक बैक्टीरिया से अधिक प्रभावित होते हैं जिनसे उनकी रोकथाम में ग्राम-ऋणात्मक से कुछ अधिक आसानी देखी गई है।[1] (ग्राम-ऋणात्मक)

बैसिलस ऐन्थ्रासिस नामक बैक्टीरिया जो ग्राम-धनात्मक होने के कारण ग्राम अभिरंजन परिक्षण में जामुनी हो गया है

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. John G. Holt; Noel R. Krieg; Peter H.A. Sneath; James T. Staley; Stanley T. Williams (1994). Bergey's Manual of Determinative Bacteriology (9th ed.). Lippincott Williams & Wilkins. p. 11. ISBN 0-683-00603-7.