मोतीपुर ग्राम भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में लखीमपुर खीरी जिले में स्थित है। मोतीपुर ग्राम सभा के अंतर्गत अन्य दो और गाँव भी सम्मिलित हैं। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में माता सीतला देवी का मंदिर तथा ठाकुरद्वारा प्रसिद्ध है।

यह ग्राम लखीमपुर खीरी जिले के मुख्यालय से १२ किमी दूर दक्षिण पूर्व दिशा में स्थित है। यह ग्राम विशाल तराई इलाके में पड़ता है यह बहुत से गांवों से घिरा हुआ है, जैसे पहाड़ खा का पुरवा, जुलाहन पुरवा, सरैया तथा कादीपुर आदि इस के ग्राम पूर्वी ओर जमुनिया है, तो पश्चिमी ओर सरैया एवं दक्षिणी ओर जुलाहन पुरवा है। इसके उत्तरी ओर कादीपुर पड़ता है।

मोतीपुर में नम-उष्णकटिबन्धीय जलवायु है। यहां ठंडे शुष्क शीतकाल नवंबर-फरवरी तक एवं शुष्क जलवायु गर्म ग्रीष्मकाल अप्रैल-जून तक रहते हैं। मध्य जून से मध्य सितंबर तक वर्षा ऋतु रहती है, जिसमें औसत वर्षा १०१० मि.मी. (४०") अधिकांशतः दक्षिण-पश्चिमी मानसून की बंगाल की खाड़ी शाखा की हवाओं से होती है। शीतकाल का अधिकतम तापमान २१°C एवं न्यूनतम तापमान ३-४°C रहता है। दिसंबर के अंत से जनवरी अंत तक कोहरा भी रहता है। ग्रीष्म ऋतु गर्म रहती है, जिसमें तापमान ४०-४५°C तक जाता है और औसत उच्च तापमान ३०°C तक रहता है।

जनसांख्यिकी तथा साक्षरता

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यहाँ की जनसंख्या ८०० है ग्राम सभा की लगभग २००० से अधिक है यहाँ की जनसंख्या में १००% हिन्दू है। तथा यहाँ की ग्राम सभा में ७०% हिन्दू एवं ३०% मुस्लिम लोग हैं। यह गाव पडोश सभी गाव में सबसे अधिक साक्षर है। मोतीपुर ग्राम की साक्षरता दर लगभग ८०% है, स्त्रियों की ७५% एवं पुरुषों की साक्षरता ८९% हैं। मोतीपुर ग्रामसभा की साक्षरता दर लगभग ७०% है जिसमे हिन्दू करीब ७०% तथा मुस्लिम ६०% साक्षर है।

यातायात यातायात

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यातायात के विभिन्न साधनों की सुविधा ग्राम तक पहुचने के लिए में मौजूद है। मुख्य रूप से बस और रेल यातायात सुविधाओं के जरिए ओएल पहुंचा जा सकता है और ओएल से २ किमी दूर ग्राम में रिक्शे तथा किसी भी साधन से जाया जा सकता है। लखीमपुर से मात्र १२ किमी की दूरी पर ग्राम स्थित है। ग्राम तक सड़क मार्ग ठीक होने के कारण यात्रा आसान है।

मोतीपुर में शिक्षा के लिए इंटरकॉलेज की कमी है। इसके अलावा यहां दो माध्यमिक विद्यालय तथा एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उपलब्ध है।

पर्यटन स्थल

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ठाकुरद्वारा मंदिर यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह यहाँ का पुराना मंदिर है।

माता सीतला देवी का मंदिर यहाँ के आदर्श स्थलों में से एक है। इस मंदिर का नव निर्माण सन् २०१४ में पूरा हुआ यह मंदिर माता सीतला देवी को समार्पित है। मगर यहाँ लगभग सभी देवताओ की मूर्ति आकर्षण का केंद्र है यह मंदिर की बनावट पशुपति नाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है।