ग्रिगनार्ड के अभिकर्मक
ग्रीगनार्ड के अभिकर्मक (Grignard Reagents) मैग्नीशियम के धात्वीय कार्बनिक (organometallic) यौगिक हैं, जो अपने आविष्कर्ता विक्टर ग्रीगयार्ड (Victor Grignard) के नाम पर "ग्रीनयार्ड अभिकर्मक" कहलाते हैं। विक्टर ग्रिगनार्ड फ्रांसीसी रसायनज्ञ थे। अन्य कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण में इनका बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। कार्बन-कार्बन बंधों के निर्माण के लिये ग्रिगनार्ड अभिक्रिया अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त कार्बन-फास्फोरस, कार्बन-टिन, कार्बन-सिलिकॉन, कार्बन-बोरान आदि कार्बन के साथ विषम-परमाणु वाले बंध (carbon-heteroatom bonds) बनाने में इस अभिक्रिया का बहुत महत्व है।
ग्रिगनार्ड अभिक्रिया में एल्किल- या एरिल मैगनिशियम हैलाइड (जिन्हें "ग्रिगनार्ड अभिकर्मक" कहते हैं) न्यूक्लिओफाइट के रूप में काम करते हैं और ध्रुवीय बंधों में मौजूद एलेक्ट्रोफिलिक कार्बन परमाणुओं पर आक्रमण करके कार्बन-कार्बन बंध बनाते हैं।
इन ऐलकिल या ऐरिल मैग्नीशियम हैलाइड यैगिकों की क्रियाशीलता तथा संश्लेषण क्रियाओं में इनकी उपयोगिता देखते हुए इन्हें ग्रीगनार्ड अभिकर्मक का नाम दिया गया है। इन अभिकर्मकों का महत्व इसी से स्पष्ट हो जाता है कि गवेषणा के प्रथम आठ वर्षों (1900-1908) में इनके ऊपर 800 से अधिक अनुसंधान लेख प्रकाशित हुए और सन् 1912 में विषय के महत्व को देखते हुए विक्टर ग्रीनयार्ड को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इतिहास
संपादित करेंजस्ते (Zinc) के कार्बनिक यौगिकों की सर्वप्रथम गवेषणा वैज्ञानिक एडवर्ड फ्रैंकलैंड (Edward Frankland) ने सन् 1849 में की थी और इसके 50 वर्षों बाद सन् 1899 में बारबियर (Barbier) ने संश्लेषण क्रियाओं में जस्ते के स्थान पर मैग्नीशियम धातु की उपयोगिता प्रदर्शित की। अगले वर्ष, सन् 1900 में इनके विद्यार्थी ग्रीनयार्ड ने इस गवेषणा की अनेकानेक संभावनाओं की ओर रसायनज्ञों का ध्यान आकर्षित किया और उन्होंने प्रदर्शित किया कि शुष्क ईथर (Ether) की उपस्थिति में मैग्नीशियम अनेक कार्बनिक हैलोजन यौगिकों में विलीन होकर एक नई श्रेणी के यौगिक बनाता है। इस क्रिया को, उदाहरण के लिये, निम्नांकित समीकरण द्वारा व्यक्त कर सकते हैं :
छबि दीर्घा
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Magnesium turnings placed on a flask.
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Covered with THF and a small piece of iodine added.
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A solution of alkyl bromide was added while heating.
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After completion of the addition, the mixture was heated for a while.
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Formation of the Grignard reagent had completed. A small amount of magnesium still remained in the flask.
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The Grignard reagent thus prepared was cooled to 0°C before the addition of carbonyl compound. The solution became cloudy since the Grignard reagent precipitated out.
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A solution of carbonyl compound was added to the Grignard reagent.
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The solution was warmed to room temperature. The reaction was complete.