हिन्द-यवन राज्य(भारत-यूनान राज्य) भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तरी क्षेत्र में स्थित २०० ईसापूर्व से १० ईसवी तक के काल में यूनानी मूल के राजाओं द्वारा प्रशासित राज्य थे। इस दौरान यहाँ ३० से भी अधिक हिन्द-यवन राजा रहे जो आपस में भी लड़ा करते थे। इन राज्यों का सिलसिला तब आरम्भ हुआ जब बैक्ट्रिया के दीमीत्रीयस प्रथम नामक यवन राजा ने १८० ई॰पू॰ में हिन्दू-कुश पर्वत शृंखला पार करके पश्चिमोत्तर भारतीय क्षेत्रों पर धावा बोल दिया।[1] अपने काल में इन शासकों ने भाषा, वेशभूषा, चिह्नों, शासन प्रणाली और रहन-सहन में यूनानी-भारतीय संस्कृतियों में गहरा मिश्रण किया और बहुत से हिन्दू और बौद्ध धर्म के तत्वों को अपनाया। हिन्द-यवनों का राज शक लोगों के आक्रमणों से अंत हुआ, हालांकि १० ई॰ के बाद भी इक्की-दुक्की जगहों पर कुछ देर तक यूनानी समुदाय अपनी पहचान बनाए हुए थे। समय के साथ उनका भारतीय समाज में विलय हो गया।[2]

हिन्द-यवन राज्य

180 बी.सी.–ए.डी. 10
हिन्द-यवन राज्य का मानचित्र में स्थान
100 ईसा पूर्व में इंडो-ग्रीक साम्राज्य
राजधानी सिकन्दरिया, काकेशस में
सिरकाप/तक्षशिला
चिनिओत
सगळा/सियालकोट
पुष्कलावटी/चारसद्दा
भाषाएँ यूनानी (यूनानी वर्णमाला)
पाली (खरोष्ठी लिपि)
संस्कृत
प्राकृत
(ब्राह्मी लिपि)
धार्मिक समूह बुद्ध धर्म
प्राचीन यूनानी धर्म
हिन्दू धर्म
पारसी धर्म
शासन राज-तंत्र
राजा
 -  180–160 ईसा पूर्व अपोलोडोटस I
 -  25 ईसा पूर्व – 10 ई. स्ट्रेटो II
ऐतिहासिक युग पुरातनता
 -  स्थापित 180 बी.सी.
 -  अंत ए.डी. 10
Area 25,00,000 किमी ² (9,65,255 वर्ग मील)
आज इन देशों का हिस्सा है:  पाकिस्तान
 अफ़ग़ानिस्तान
 भारत
 तुर्कमेनिस्तान
Warning: Value specified for "continent" does not comply
पहले हिन्द-यवन राजा दीमीत्रीयस प्रथम (अनुमानित जीवनकाल: २०५ ई॰पू॰ - १७० ई॰पू॰) द्वारा गढ़ा सिक्का - हाथीनुमा टोपी उनका भारतीय क्षेत्र पर राज दर्शाती है

इन्हें भी देखें

संपादित करें
  1. Anjana Motihar Chandra. "India condensed: 5000 years of history & culture". Marshall Cavendish, 2007. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789812613509.
  2. A. E. Astin, F. W. Walbank, M. W. Frederiksen. "Rome and the Mediterranean to 133 B.C.Volume 8 of The Cambridge Ancient History, Iorwerth Eiddon Stephen Edwards, ISBN 0-521-85073-8, 9780521850735Volume 8 of The Cambridge Ancient History 14 Volume Set in 19 Hardback Parts". Cambridge University Press, 1989. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780521234481. ... When the Greeks of Bactria and India lost their kingdom they were not all killed, nor did they return to Greece. They were merged with the people of the area and worked for the new masters ...सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)