ग्लोस या ग्लॉस (अंग्रेज़ी: gloss; यूनानी: γλῶσσα, ग्लोसा, अर्थ: जीह्वा) किसी लेख में किसी शब्द का अर्थ समझाने के लिए करी गई छोटी सी टिप्पणी को कहते हैं। यह अक्सर वाक्य के साथ पृष्ठ के किनारों पर या छोटे अकार के अक्षरों में शब्द के ऊपर, नीचे या साथ में लिखा होता है। ग्लोस लिखाई की भाषा में या पढ़ने वाले की मातृभाषा में हो सकता है (अगर वह लेख की मूल भाषा से अलग हो)। अक्सर धार्मिक भाषाओँ में लिखे ग्रंथों के पृष्ठों के किनारों पर शब्दों के अर्थ लिखे जाते हैं और कभी-कभी ऐसे ग्लोस पढ़ने वाले ख़ुद भविष्य में अपने लिए डाल देते हैं।

लातिनी भाषा की इस पांडुलिपि के किनारे पर स्पेनी भाषा में ग्लोस लिखे हैं
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के दो शेरों के किनारों पर अर्थ-विस्तार करते ग्लोस

ग्लोस और शब्दकोश संपादित करें

शुरू में ग्लोस केवल पृष्ठों में भाषा समझाने के लिए लिखी गई टिप्पणियों को कहा जाता था। धीरे-धीरे ऐसी टिप्पणियों को एकत्रित कर के पुस्तकों के अंत में अलग विभाग में डाला जाने लगा। इन विभागों को 'ग्लोसरी' (glossary) कहा जाने लगा। बाद में ऐसे ही शब्दार्थों को एकत्रित करके अलग पुस्तकों में छापा गया और यह विश्व के पहले शब्दकोष बने।

भाषाविज्ञान में संपादित करें

भाषाविज्ञान में किसी भाषा के शब्द को 'ग्लोस करने' का अर्थ है उसका अर्थ संक्षिप्त रूप में किसी अन्य भाषा में समझाना।[1]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Exploring Language Structure: A Student's Guide, Thomas Payne, Thomas Edward Payne, Cambridge University Press, 2006, ISBN 978-0-521-85542-6, ... A gloss is simply a brief characterization of the meaning of a linguistic form, usually in another language. For instance, a good English gloss for the Spanish word 'comer' would be 'eat' ...