ग्वार

पौधे की प्रजाती

ग्वार (cluster bean) का वैज्ञानिक नाम 'साया मोटिसस टेट्रागोनोलोबस' (Cyamopsis tetragonolobus) है। इसे मध्य प्रदेश(भारत) में चतरफली के नाम से भी जाना जाता हे। को अधिकतर उपयोग जानवरों के चारे के रूप में भी होता है। पशुओं को ग्वार खिलाने से उनमें ताकत आती है तथा दूधारू पशुओं कि दूध देने की क्षमता में बढोतरी होती है। ग्वार से गोंद का निर्माण भी किया जाता है इस 'ग्वार गम' का उपयोग अनेक उत्पादों में होता है। ग्वार फली से स्वादिष्ट तरकारी बनाई जाती है। ग्वार फली को आलू के साथ प्याज में छोंक लगाकर खाने पर यह बहुत स्वाद लगती है तथा अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर भी बनाया जाता है जैसे दाल में, सूप बनाने में पुलाव इत्यादि में।

ग्वार फली

इसको तेलुगु में గోరు చిక్కుడు "Goruchikkudu kaya" or "Gokarakaya" कन्नड में Gorikayie तथा तमिल में கொத்தவரைக்காய் (kotthavarai) कहते हैं। इसको बंगला में বরবটী (barboti) बोलते हैं।

विश्व के कुल ग्वार उत्पादन का ८०% भारत में होता है। ग्वार गर्म मौसम की फसल है। यह प्रायः ज्वार या बाजरे के साथ मिलाकर बोया जाता है जिसका उपयोग ग्वार या ग्वारफली के रूप में किया जाता है और जो हरी सब्जी के रूप में इस्तेमाल कि जाती है यह भारत के कई प्रदेशों में पाई जाती है पर उतर भारत में इसका ज्यादा उपयोग देखा जा सकता है।

इस पौधे के बीज में ग्लैक्टोमेनन नामक गोंद प्राप्त होता है। ग्वार से प्राप्त गम का उपयोग दूध से बने पदार्थों जैसे आइसक्रीम, पनीर आदि में किया जाता है। इसके साथ ही अन्य कई व्यंजनों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। ग्वार के बीजों से बनाया जाने वाला पेस्ट भोजन, औषधीय उपयोग के साथ ही अनेक उद्योगों में भी काम आता है।

मै उत्तर प्रदेश से जलज किसान पुत्र

मेरे यहां और बिहार में इसे रहरिया सेम भी कहते हैं।

यह पोषक क्तत्व से भरपूर है लेकिन यह विलुप्तप्राय हो रही है
155 रुपए में 5 ग्राम बीज अमेजॉन पर उपलब्ध है।
छत पर या टेरेस पर ग्रो बैग में आप इसे उगा सकते हैं बलुवा डोमट उपयुक्त हैं 

ग्वार फली की प्रकृति संपादित करें

ग्वार फली स्वाद में मीठी एवं फीकी हो सकती है। यह पाचन में भारी होती है। यह शीतल प्रकृति की और ठंडक देने वाली है अत: इसके ज्यादा सेवन से कफ की शिकायत हो सकती है परंतु ग्वार शुष्क क्षेत्रों के लिए एक पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन है।

 

ग्वार फली के औषधीय गुण संपादित करें

ग्वार फली में कई पोष्टिक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ के लिए गुणकारी होते हैं। यह भोजन में अरुची को दूर करके भूख को बढ़ाने वाली होती है इसके सेवन से मांसपेशियां मजबूत बनाती है ग्वार फली में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है जो सेहत के लिए फ़ायदेमंद होता है।ग्वार फली में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और संतृप्त वसा की मात्रा कम होती है, जो इसे उन लोगों के लिए एक बेहतरीन भोजन बनाती है जो अपने कोलेस्ट्रॉल को कम करने या अपने हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। फाइबर खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है जबकि पोटेशियम रक्तचाप के स्तर को कम करने में मदद करता है।

ग्वार फली मधुमेह के रोगी के लिए भी लाभदायक है यह शुगर के स्तर को नियंत्रित करती है, पित्त को खत्म करने वाली है। ग्वारफली की सब्जी खाने से रतौंधी का रोग दूर हो जाता है ग्वार फली को पीसकर पानी के साथ मिलाकर मोच या चोट वाली जगह पर इस लेप को लगाने से आराम मिलता है।

ग्वार फली में फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो कुछ प्रकार के कैंसर जैसे कोलोरेक्टल कैंसर के कम जोखिम से जुड़े होते हैं। यह प्रोस्टेट कैंसर सहित अन्य प्रकार के कैंसर से बचाने में भी मदद कर सकता है।

 
आलू मिश्रित ग्वारफली की सब्जी

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