घर में तार लगाना
घरों में कई तरह के तार लगाने पड़ते हैं, जैसे- बिजली के तार (प्रकाश, पंखे, हीटर आदि के लिये), टेलीफोन के तार, होम थिएटर, कम्प्यूटर नेटवर्क, टीवी केबल आदि। इसके अलावा तापन, संवातन तथा वातानुकूलन के लिए भी तार जोड़ने पड़ते हैं।
घर में उपयोग होने वाले बिजली के तारों की इन तारों में मुख्य रूप से दो प्रकार की धातुएं अधिक उपयोग की जाती हैं- 1. एल्युमिनियम 2. ताँबा (कॉपर)
इन दोनों धातुओं में से कॉपर धातु के तार की चालकता अधिक होती है। इसलिए इसका उपयोग विद्युत् खपत के नुकशान को कम करने के लिए वायरिंग में किया जाता है। वहीं एल्युमिनियम तार वजन में हल्का होता है लेकिन इसकी चालकता कॉपर वायर की अपेक्षा कुछ कम होती है। चालकता में ज्यादा कमी न होने के कारण एल्युमिनियम वायर ने भी वायरिंग के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना ली है।
किसी भी प्रकार की वायरिंग करने से पूर्व वायरिंग में लगने वाले लोड तथा समयावधि के अनुसार तारों का चयन किया जाना चाहिए | जैसे अस्थायी वायरिंग करना हो तो उस स्थति में हम एल्युमियम से बने वायर का उपयोग कर सकते है | यहाँ तारो को लगाने से पहले हमे तारों के इन्सुलेशन की क्वालिटी पर भी ध्यान देना चाहिए |
तारो की गुणवता को परखने के बाद ही हमे तारो को उपयोग करना चाहिए क्यूंकि गलत तारों का चयन जन और धन दोनों को हानि पंहुचा सकता है | यदि किसी लो क्वालिटी वाले तार को हम किसी महंगी वैद्युतिक मशीन के साथ उपयोग करेगे तो मशीन के जलने का खतरा साथ ही उस मशीन पर काम करने वाले ऑपरेटर के जान का खतरा बना रहता है |