चंददास हिन्दी के कवि थे। उनका जन्म अठारहवीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के हस्वा (हंसपुरी) में हुआ था। बाद में इन्होने सन्यास ले लिया। उनकी भाषा में संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश आदि के अतिरिक्त मराठी, पंजाबी, अरबी और फारसी आदि के शब्दों का भी प्रयोग हुआ है।

कृतियाँ संपादित करें

चन्ददास ने केशव की रामचंद्रिका के आदर्श पर 'राम-विनोद' नामक काव्य का प्रणयन किया। इस काव्य में आयुर्वेद, ज्योतिष, अलंकार, छन्दशास्त्र आदि सबका परिचय है। कवि ने श्लेष के माध्यम से स्थान-स्थान पर गुरु गोविन्द सिंह के नाम का संकेत किया है।

चंददास द्वारा रचित 'भागवत गीता', श्रीमदभागवत्गीता का भाषानुवाद है। अनुवाद में मौलिकता, पाणित्य-दर्शन एवं योग की आत्मानुभूति के उत्स परिलक्षित होता है।