चटगाँव (शहर)
चटगाँव या चटग्राम (चटगाँवी: সিটাঙ) (बांग्ला: চট্টগ্রাম, चट्टग्राम), बांग्लादेश का एक प्रमुख बंदरगाह और दूसरा सबसे बड़ा शहर है। चटगांव एक गहरे पानी का प्राकृतिक बंदरगाह है। बंगाल की खाड़ी के पूर्वी तट और कर्णफुली नदी के मुहाने पर स्थित यह शहर, देश के दक्षिणी विभाग में पड़ता है। 2011 में इसकी अनुमानित जनसंख्या 65 लाख से अधिक थी। दक्षिण एशिया में यह वाणिज्य, उद्योग और जहाजरानी (शिपिंग) का एक प्रमुख केंद्र है। यह दुनिया के सबसे तेजी से विकसित होते महानगरों में से भी एक है।
चटगाँव | |
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महानगर | |
From top: City Skyline including the Agrabad area, Entrance of Chittagong War Cemetery, Illuminated शाह अमानत ब्रीज across the कर्णफुली नदी, Foy's Lake, Ethnological Museum, Port of Chittagong चटगाँव बंदर | |
देश | बांग्लादेश |
विभाग | चटगाँव विभाग |
जिला | चटगाँव जिला |
स्थापना | १३४० ई.[1] |
शहर का दर्जा मिला | १८६३[2] |
शासन | |
• महापौर | मु. मंज़ूर आलम |
क्षेत्रफल[3] | |
• महानगर | 168 किमी2 (65 वर्गमील) |
जनसंख्या (2008)[4] | |
• महानगर | 25,79,107 |
• घनत्व | 15351 किमी2 (39,760 वर्गमील) |
• महानगर | 5 680 000 (2,011e) |
• वासीनाम | चटगाँवी |
समय मण्डल | बांमास (यूटीसी+6) |
डाक कूट | 4000 |
जीडीपी (2008) | $25.5 billion[5] |
जीडीपी वृद्धि (2008) | 6.3%[5] |
कॉलिंग कोड | 31 |
वेबसाइट | चटगांव शहर निगम |
सदियों से चटगाँव के इस प्राचीन प्राकृतिक बंदरगाह ने बंगाल और बंगाल की खाड़ी के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों के लिए एक प्रवेश द्वार का कार्य किया है। इस बंदरगाह ने मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप और चीन के व्यापारियों को आकर्षित किया है। अरब अन्वेषक इब्न-बतूता, वेनिस के व्यापारी निकोलो डे' कोंटी और चीनी एडमिरल झेंग ही समेत कई ऐतिहासिक यात्री इस बंदरगाह से होकर गुजरे हैं। 16 वीं सदी के पुर्तगाली साम्राज्य में इसे पोर्टो ग्रांडे डी बेंगाला के नाम से जाना जाता था। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल के अंतिम स्वतंत्र नवाब को हराने के बाद 1760 में बंदरगाह का नियंत्रण प्राप्त किया। 19 वीं सदी में ब्रिटिश राज के तहत, आधुनिक चटगाँव बंदरगाह के विकास के लिए असम-बंगाल रेलवे का निर्माण किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध में बर्मा अभियान के दौरान यह मित्र देशों की सेना के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बना। 1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद, चटगाँव पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा बन गया। 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध की शुरुआत में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा चटगाँव से की गयी।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ बांग्लादेश में नगरों की सूची, अभिगमन तिथि: 15 अगस्त 2013
- ↑ "History of Chittagong City Corporation" [चटगाँव सिटी कोर्पोरेशन का इतिहास]. चटगाँव सिटी कारपोरेशन. मूल से 13 अगस्त 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अगस्त 2013.
- ↑ "Area, Population and Literacy Rate by Paurashava –2001" (PDF). Bangladesh Bureau of Statistics. मूल (PDF) से 27 मार्च 2005 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-09-18.
- ↑ "Statistical Pocket Book, 2008" (PDF). Bangladesh Bureau of Statistics. मूल (PDF) से 27 अगस्त 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-15.
- ↑ अ आ "City Mayors: Richest cities in the world in 2020 by GDP". मूल से 9 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अगस्त 2013.