चतुरी चमार
चतुरी चमार हिन्दी कवि और रचनाकार सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' द्वारा रचित कहानी संग्रह है।[1][2] यह जाति-भेद पर आधारित ऊंच-नीच की विडम्बना से सतायी गयी निम्न जाति में आत्म-सम्मान की नयी चेतना के प्रादुर्भाव की कहानी है।[3]
चतुरी चमार | |
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मुखपृष्ठ | |
लेखक | सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' |
देश | भारत |
भाषा | हिंदी |
विषय | साहित्य |
प्रकाशक | राजकमल प्रकाशन |
प्रकाशन तिथि |
चौथा संस्करण २००६ |
पृष्ठ | ७८ |
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ | 81-7178-902-1 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "चतुरी चमार". मूल से 18 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि जनवरी 2015.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ निराला की साहित्य साधना (भाग-2) Archived 2015-01-18 at the वेबैक मशीन, रामविलास शर्मा, पृष्ठ-470
- ↑ निराला Archived 2015-02-05 at the वेबैक मशीन, लोकभारती मुक्तायन माला, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली