चन्दा साहिब (मृत्यु, 1752 ई.) (हुसैन दोस्त खान) कर्णाटक का पहला मुस्लिम राजा था।

कर्नाटक के नवाब दोस्तअली का दामाद तथा दीवान। सेनानायक चंदासाहेब वीर, युद्धप्रिय और महत्वाकांक्षी व्यक्ति था। कर्नाटक पर मराठों के आक्रमण (1740-41) में दोस्तअली की मृत्यु हुई और चंदासाहेब बंदी बना। प्राय: 8 वर्षो की कैद के बाद 1748 में चंदासाहब के फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले तथा निजामी के दावेदार मुजफ्रफरजंग की सहायता से तत्कालीन नवाब अनवररुद्दीन को अंबर के युद्ध में परास्त कर, उसका अंत कर दिया (3 अगस्त 1749)। पश्चात्, 7 अगस्त को अर्काट में आया। अनवरुद्दीन के पुत्र मोहम्मद अली न त्रिचनापल्ली में शरण ली थी। चंदा सहेब ने त्रिचनापल्ली पर घेरा डालने का निश्चय किया, किंतु बीच ही में तंजौर पर आक्रमण कर दिया, जो असफल प्रमाणित हुआ (1750)। इधर, अपनी संकटापन्न स्थिति देश अंगरेजों ने मोहम्मद अली तथा मुजफ्फरजंग के प्रतिद्वंद्वी नासिरजंग का पक्ष ग्रहण किया। अत: त्रिचनापल्ली के दूसरे आक्रमण पर, पहिले तो क्लाइव ने अर्काट पर इतिहास प्रसिद्ध धावा बोल चंदासाहेब की सैन्य शक्ति विभाजित कर दी, फिर क्लाइव तथा लारेंस ने फ्रांसीसी सेनानायकों को आत्मसमर्पण के लिये विवश कर दिया (1752) (दे. क्लाइव, राबर्ट)। अंतत:, चंदासाहेब ने भी मोना जी नामक तंजोरी सैनिक के सम्मुख आत्मसमर्पण कर दिया (12 जून 1752), जिसने दो दिन बाद ही चंदा सहेब का वध कर डाला।

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें