चन्द्र मोहन शर्मा
चन्द्र मोहन शर्मा (जन्म १९७६) एक भारतीय कार्यकर्ता हैं। वे सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के विरुद्ध सूचना का अधिकार का उपयोग करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने नोएडा और दिल्ली में भूमाफ़ियाओं के विरुध धर्मयुद्ध किया।[1] १ मई २०१४ को चंद्रमोहन शर्मा ने अपनी प्रेमिका के साथ एक नए जीवन की शुरुआत करने के लिए खुद की मौत की झूठी साजिश रची। इस घटना को अन्जाम देने के लिए उन्होनें एक बेघर व्यक्ति का क़त्ल करा और उसके शव को अपनी कार में रख करा जला दिया। अगस्त 2014 में पुलिस ने चंद्रमोहन को बेंगलुरु से गिरफ़्तार किया।[2][3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "RTI activist Chandra Mohan Sharma found dead in Noida, body sent for post-mortem" [आरटीआई कार्यकर्ता चन्द्र मोहन शर्मा नोएडा में मृत पाये गये, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया] (अंग्रेज़ी में). ज़ी न्यूज़. २ मई २०१४. मूल से 2 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ४ मई २०१४.
- ↑ "साले के साथ मिलकर चंद्रमोहन शर्मा ने रची खुद की हत्या की साजिश". मूल से 31 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 अगस्त 2014.
- ↑ "ज़िंदा मिले 'मारे गए' आरटीआई कार्यकर्ता". बीबीसी हिन्दी. २९ अगस्त २०१४. मूल से 1 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २९ अगस्त २०१४.
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