चलसोपान
चलसोपान या चलती सीढ़ी (Escalator) ऐसी लगातार चलनेवाली सीढ़ी को कहते हैं जिसके द्वारा लोग खड़े खड़े ही, उसकी चल की दिशा में, एक तल से दूसरे तल पर पहुँच सकते हैं। चल सोपान के अनेक भाग इस प्रकार जुड़े हुए होते हैं कि देखने में वे सीढ़ी जैसे ही दिखाई देते हैं और उसी की तरह प्रयोग में भी लाए जा सकते हैं। यह चलती हुई सतत सीढ़ी इसपर खड़े हुए मनुष्यों को नीचे से ऊपर की ओर ले जाती है। प्रत्येक सीढ़ी के नीचे कुछ पहिए लगे रहते हैं। इनके कारण नीचे से ऊपर जाती हुई प्रत्येक सीढ़ी का पृष्ठ क्षैतिज रहता है। इसकी श्रृंखला को चलानेवाली मशीन इतनी शक्तिशाली होती है कि सीढ़ी पूरी भर जाने पर भी उसे वह घुमाती रहती है।
चल सोपान वस्तुत: भारी दाँतेदार चेन (chain) पथ से लगी हुई सीढ़ियाँ होती हैं। यह चेन पथ चालक पहिए द्वारा चलाया जाता है और इसमें लगी सीढ़ियाँ लगातार आगे बढ़ती रहती हैं। प्रत्येक सीढ़ी चेन से एक धुरी द्वारा जुड़ी रहती है। इन सीढ़ियों को समतल रखने के लिय चार पटरी पथ प्रयोग में लाए जाते हैं। सीढ़ी के दोनों सिरों पर दो दो पटरियों का जोड़ा होता है, जो सीढ़ी से लगे हुए पहियों को इस प्रकार सँभाले रहता है कि आगे बढ़ती हुई सीढ़ी हर दिशा में समतल रहती है। आरंभ और अंत में चढ़ने और उतरने के लिये पटरियाँ इस प्रकार लगी रहती हैं कि सीढ़ियाँ एक के बाद एक जुड़कर एक सीधा चबूतरा बना देती हैं, जिसपर से लोग आसानी से उतरकर आगे बढ़ सकें। यहाँ यह आवश्यक है कि आगे बढ़ते हुए चबूतरे से स्थिर चबूतरे पर सुरक्षित रूप से पहुँचा जा सके। इसके लिये दो तरीके प्रयोग में लाए जाते हैं। एक तो चलते हुए चबूतरे और स्थिर चबूतरे के बीच में एक तिरछी मुंडेर लगी रहती है, जिससे यदि कोई चलते हुए चबूतरे से न उतरे तो मुंडेर से हल्का सा धक्का लगने के कारण स्थिर चबूतरे पर पहुँच जाता है। दूसरे तरीके में चबूतरे दाँतेदार खाँचों के बने हुए होते हैं और चलते हुए चबूतरे के खाँचे स्थिर चबूतरे के खाँचों में इस प्रकर फँसते जाते हैं कि चलते हुए चबूतरे पर खड़ा हुआ व्यक्ति आसानी से स्थिर चबूतरे पर पहुँच जाता है। वैसे तो इन चल सीढ़ियों की गति चाहे जितनी रखी जा सकती है, पर यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सामान्य गति 90 से लेकर 100 फुट प्रति मिनट तक होती है, जो 30 डिग्री के कोण पर 40 से लेकर 50 फुट प्रति मिनट तक की चढ़ाई के लिये हैं। चल सोपान का प्रत्येक भाग बहुत सतर्कता से इंच के 1000वें भाग तक सही और उत्कृष्ट निपुणता से बनाया जाता है। इसके लिये विशेष प्रकार के औजार तथा साधन प्रयोग में लाए जाते हैं। इस सतर्कता के कारण सीढ़ियाँ आपस में इस प्रकार जुड़ी रहती हैं कि उनके बीच में कागज का एक पर्चा जाने का स्थान भी नहीं रहता। चल सोपानों की चाल को लगभग नि:शब्द करने के लिये उनमें रबर और चमड़े के वाशर दिए जाते हैं।
चल सोपान, उत्थापक (लिफ्ट) से अधिक लाभप्रद होता है, क्योंकि यह लगातार एक ही दिशा में कार्य कर सकने के कारण कई उत्थापकों का कार्य एक साथ कर सकता है। इसके चलाने का खर्च भी उत्थापक की तुलना में कम बैठता है, पर यह साधारणत: 60 फुट की ऊँचाई तक ही कार्य कर सकता है। इसलिये जहाँ अधिक ऊँचाई तक का कार्य हो वहाँ या तो उत्थापक ही काम में लाए जाते हैं अथवा दो या दो से अधिक चल सोपान लगाने पड़ते हैं, जिनसे चढ़ने उतरने में अधिक समय लग जाता है। चल सोपान की सामान्य चौड़ाई आवश्यकतानुसार दो, तीन या चार फुट रखी जाती है। 30 डिग्री के कोण पर कार्य करनेवाले चार फुट चौड़े (प्रत्येक सोपान पर दो मनुष्यों के खड़े हो सकने योग्य) तथा 90 फुट प्रतिमिनट की चालवाले सोपान द्वारा लगभग 8,000 मनुष्य प्रति घंटा ले जाए जा सकते हैं। छोटे स्टेशनों या ऐसे स्थानों में, जहाँ कम यातायात हो, दो फुट चौड़े चल सेपान लगाए जाते हैं, जो प्रति घंटा लगभग 4,000 व्यक्तियों को स्थानांतरित कर सकते हैं। बड़े स्टेशनों तथा अधिक यातायात के स्थानों पर पाँच फुट चौड़े चल सोपानों का प्रयोग होता है, जिनमें प्रत्येक सीढ़ी पर तीन मनुष्य खड़े हो सकते हैं। इस प्रकार इनके द्वारा एक घंटे में 12,000 व्यक्ति चढ़ सकते हैं। यदि यात्री लोग अपने आप चढ़ना भी आरंभ कर दें, तो यह संख्या 40 प्रतिशत बढ़ सकती है।
इन्हें भी देखें
संपादित करें- उत्थापक (लिफ्ट)
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Escalator Footage from Union Station
- Moving Stairways/Escalators at www.theelevatormuseum.org
- The Elevator Escalator Safety Foundation
- Escalator troubles rooted in Metro's original design
- Why does it take so long to mend an escalator?, London Review of Books
- A "self starting" escalator. Escalators may consume energy and incur extra "wear and tear", both of which add to the operating costs. This may be ameliorated by use of a "self-starting" escalator. This feature can be seen in action in this 13-second handheld video clip named 'Essen-self-starting-escalator320.mpg'.
- A videoclip: escalators with transparent sides showing the mechanism in operation.
- Escalator safety hazard alerts.
- Child safety and prams on escalators.