चागई-१
चागई-१ ये २८ मई १९९८ को १५:१५ पी॰ऍस॰टी॰ बजे पर पाकिस्तान द्वारा आयोजित एक साथ भूमिगत परमाणु परीक्षण का संकेत नाम है। बलूचिस्तान प्रांत के चागाई जिले के रस कोह पहाड़ी पर ये परीक्षण किए गए।
चागई-१ पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का पहला सार्वजनिक परीक्षण था। इसकी समयावधि ११ और १३ मई १९९८ को भारत के दूसरे परमाणु परीक्षणों (पोखरण-2) की सीधी प्रतिक्रिया थी। पाकिस्तान और भारत द्वारा इन परीक्षणों के परिणामस्वरूप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव ११७२ का स्वीकार हुआ और दोनों राज्यों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए। परमाणु उपकरणों का परीक्षण करके, पाकिस्तान सार्वजनिक रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण करने वाला सातवां राष्ट्र बन गया। पाकिस्तान का दूसरा परमाणु परीक्षण, चगाई-२, ३० मई १९९८ को हुआ।
पृष्ठभूमि
संपादित करें१९६० और १९७० के दशक की शुरुआत में कई ऐतिहासिक और राजनीतिक घटनाओं और व्यक्तित्वों ने पाकिस्तान को धीरे-धीरे परमाणु हथियार विकास के एक कार्यक्रम के लिए प्रेरित किया, जो १९७२ में शुरू हुआ। १९७४ में परमाणु हथियारों के परीक्षण की योजनाएं शुरू हुईं।
२००५ में, बेनजीर भुट्टो ने बताया कि पाकिस्तान के पास परमाणु उपकरण इससे पहले हि हो सकता है, और उनके पिता (ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो) ने बताया था कि १९७७ में परमाणु परीक्षण की तैयारी की गई थी, और उसे परमाणु परीक्षण की उम्मीद थी अगस्त १९७७ में। हालांकि, योजना को दिसंबर १९७७ में स्थानांतरित कर दिया गया था और बाद में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया से बचने के लिए इसे अनिश्चित काल के लिए विलंबित कर दिया गया था।
स्थान
संपादित करेंसुरक्षा के लिए एक दूरस्थीत और पृथक पहाड़ी क्षेत्र की आवश्यकता थी। पाकिस्तान के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने एक पहाड़ का चयन करने के लिए परीक्षण किए, जो अंदर से २०४० किलोटन विस्फोट को बर्दाश्त करने में सक्षम हो। परमाणु द्रव्य बाहर कम फैले इसलिए शुष्क मौसम और बहुत कम हवा की ज़रूरी थी। इसलिए रस कोह पहाड़ी का चयन हुआ। [1]
ऑपरेशन और प्रतिक्रिया
संपादित करेंपाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग ने 28 मई 1998 की दोपहर १५:१५ बजे चागाई परीक्षण स्थल पर पाँच भूमिगत परमाणु परीक्षण किए। पाकिस्तान में, परमाणु विस्फोटों की खबर सुनते ही सड़क पर हर्ष और समारोह फैल गया। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तानी सरकार के राष्ट्रीय चैनल पाकिस्तान टेलीविजन (पी टिव्ही) के माध्यम से देश को संबोधित किया और पूरे देश को बधाई दी।
यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, इराक और कई अन्य देशों ने चागई-१ परीक्षणों की निंदा की। दूसरी ओर, सऊदी अरब, तुर्की और ईरान ने पाकिस्तान को बधाई दी।
पाकिस्तान में २८ मई "यौम-ए-तकबीर" (मतलब "महानता का दिन") के रुप में मनाया जाता है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "When Mountains Move – The Story of Chagai". The Nation and Pakistan Defence Journal. १ अप्रेल २०१२. मूल से पुरालेखित 1 अप्रैल 2012. अभिगमन तिथि 14 नवम्बर 2019.
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