चादर बादर
चादर बादर, जिसे चादर बदोनी या संथाल कठपुतली भी कहा जाता है, एक कठपुतली खेल लोककला है जो भारत के पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और उड़ीसा राज्यों में रहने वाली संथाल जनजाति द्वारा प्रस्तुत की जाती है।[1][2][3]
विलुप्त हो चुकी इस संथाली कला को रवि द्विवेदी जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं और सुकन मार्डी और दमन मुर्मू जैसे प्रतिपादकों के प्रयासों से पुनर्जीवित किया जा रहा है।[4] चादर बदर सहित कठपुतली के कला रूपों को संरक्षित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने कांकुरगाछी में एक राष्ट्रीय कठपुतली संग्रहालय की स्थापना की है।[5]
अवलोकन
संपादित करेंचादर बदर एक लकड़ी के बक्से के अंदर लटकाए गए लकड़ी के कठपुतलियों की सहायता से किया जाता है, जो पर्दे के साथ तीन या चार तरफ खुले होते हैं। कलाकार जनजातीय वाद्य यंत्रों के साथ कठपुतलियों का उपयोग करते हुए प्राचीन संथाल संस्कृति के शब्दों और छंदों द्वारा कहानियां सुनाता है।[6] चित्रित कठपुतलियाँ 5 से 9 इंच लंबी होती हैं और इसमें चलने वाले अंग होते हैं, जिन्हें कलाकार द्वारा जोड़-तोड़ किया जाता है, उनसे जुड़े तार का उपयोग किया जाता है।[7]
30 वर्ष पूर्व यह आदिवासी लोक कला विलुप्त हो चुकी थी, जिसे 1985 में दिल्ली के इंडियन हेरीटेज फाउंडेशन के रविकांत द्विवेदी द्वारा शोध कर पुनर्जीवित किया गया। 2010-11 में जनमत शोध संस्थान ने इसपर शोध कर सरकार को रिपोर्ट भेजी।[8][9]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "चादर बादर, संथाल कठपुतलियों का खेल". भारतीय संस्कृति. अभिगमन तिथि 2023-02-15.
- ↑ ":::::: Daricha Foundation ::::::". www.daricha.org. अभिगमन तिथि 2023-02-15.
- ↑ Sikander Kumar. "Chadar Badar – Jharkhand Dekho" (अंग्रेज़ी में). मूल से 15 फ़रवरी 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-02-15.
- ↑ "Chadar Badar Artists in West Bengal Struggle to Save the Art and Themselves". News18 (अंग्रेज़ी में). 2022-07-10. अभिगमन तिथि 2023-02-15.
- ↑ "National puppet museum to come up in Kolkata". The Hindu (अंग्रेज़ी में). 2014-01-22. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-751X. अभिगमन तिथि 2023-02-15.
- ↑ "Chadar Badar Puppets and its Revival by Ravi Dwivedi" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-02-15.
- ↑ "Will the dying Santhali form of puppetry, Chadar Badar, survive?". Get Bengal (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-02-15.
- ↑ "कठपुतली लोककला प्रशिक्षण कार्यशाला आज से इंडोर में". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 2023-02-15.
- ↑ "झारखंड के संताल आदिवासियों की विरासत चादर-बादोनी, मन मोह लेंगी अंगुलियों पर थिरकतीं कठपुतलियां". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 2023-02-15.