चार्ल्स विल्किंस
सर चार्ल्स विल्किंसन (Sir Charles Wilkins, KH, FRS ; 1749 – 13 मई 1836) एक अंग्रेज भारतविद् थे जो एशियाटिक सोसायटि के संस्थापकों में से एक थे। उन्होने ही सर्वप्रथम भागवत्गीता का अंग्रेजी में अनुवाद किया। पंचानन कर्माकर के साथ मिलकर उन्होने पहला टाइपफेस विकसित किया। 1788 ई में वे रॉयल सोसायटी के सदस्य चुने गये।
उनका जन्म 1749 में सोमरसेट के फ्रॉम में हुआ था। [4] उन्होंने एक प्रिंटर के रूप में प्रशिक्षित किया। 1770 में वे ईस्ट इंडिया कंपनी की सेवा में एक प्रिंटर और लेखक के रूप में भारत गए। भाषा के साथ उनकी सुविधा ने उन्हें फ़ारसी और बंगाली सीखने की अनुमति दी। बंगाली छपाई के लिए वे पहले प्रकार के डिजाइन में शामिल थे। [५] उन्होंने भाषा में पहली टाइपसेट पुस्तक प्रकाशित की, खुद को "भारत का कैक्सटन" नाम दिया। [६] उन्होंने फ़ारसी में पुस्तकों के प्रकाशन के लिए भी डिज़ाइन किया। 1781 में उन्हें फारसी और बंगाली के अनुवादक के रूप में राजस्व आयुक्त और कंपनी के प्रेस के अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने कुटिला पात्रों में एक रॉयल शिलालेख का सफलतापूर्वक अनुवाद किया, जो कि थिअटरो के अभेद्य थे।