चाहत (1996 फ़िल्म)
चाहत 1996 में बनी हिन्दी भाषा की रूमानी फिल्म है। इसके निर्देशक महेश भट्ट हैं। इस फिल्म के कलाकार शाहरुख़ ख़ान, पूजा भट्ट, नसीरुद्दीन शाह, रम्या कृष्णन और अनुपम खेर हैं। शाहरुख़ ख़ान ने अक्टूबर 2013 में रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के बैनर तले महेश भट्ट से इस फिल्म के अधिकार हासिल कर लिए।
चाहत | |
---|---|
चाहत का पोस्टर | |
निर्देशक | महेश भट्ट |
लेखक |
रोबिन भट्ट आकाश खुराना जावेद सिद्दीकी |
निर्माता |
रोबिन भट्ट विरल लखिया |
अभिनेता |
शाहरुख़ ख़ान, पूजा भट्ट, नसीरुद्दीन शाह, अनुपम खेर, रम्या कृष्णन |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
6 जून, 1996 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंरूप राठौर (शाहरुख़ ख़ान) अपने पिता (अनुपम खेर) की तरह राजस्थान में एक गायक है। उसके पिता अब बीमार है और उन्हें बम्बई में तत्काल इलाज की आवश्यकता है। एक दिन, जब वह अजय नारंग (नसीरुद्दीन शाह) के होटल में गा रहा होता है, अजय की बहन रेशमा (रम्या कृष्णन) को उससे प्यार हो जाता है। रेशमा एक बिगड़ैल लड़की है और अजय उसकी सभी इच्छाओं को पूरा करता है। दुर्भाग्य से, रूप को पूजा (पूजा भट्ट) नाम की एक डॉक्टर से प्यार है। इस बीच, रेशमा के उपर रूप के लिये जुनून सवार है, और वो अपने भाई से उसे अपने होटल में गाने के लिए फिर से बुलाने के लिए कहती है। लेकिन जब वह देखती है कि सभी लड़कियाँ रूप के ऊपर छटपटा रही हैं, तो उसे बहुत गुस्सा आ जाता है और वह उससे केवल उसके लिए गाने के लिए कहती है। हालाँकि, इस प्रस्ताव को लेने के बजाय, रूप प्रतिद्वंद्वी, पटेल (श्री वल्लभ व्यास) के लिए काम करना पसंद करता है। लेकिन अपनी बहन को हर कीमत पर खुश रखने का अजय का जुनून आड़े आ जाता है। वो पटेल को तब तक बेरहमी से पीटता है जब तक वह रूप को उसके होटल से बाहर निकालने के लिए राजी नहीं हो जाता। रूप को अपने पिता के ऑपरेशन के लिए पैसे की सख्त जरूरत है, इसलिये उसके पास रेशमा से सहमत होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पूजा के साथ रूप रिश्ता तोड़ देता है।
रूप के पिता का ऑपरेशन सफल होता है, लेकिन उसके पिता उसकी स्थिति से दुखी होते हैं और बम्बई छोड़ने का फैसला करते हैं। रूप ने बाद में अपने पिता और पूजा के साथ बम्बई छोड़ने की कोशिश की, लेकिन रेशमा आत्महत्या करने की कोशिश करती है, जिससे उसकी ये योजना बाधित हो जाती है। फिर भी, पूजा और रूप की शादी हो जाती है। घटनाओं के इस मोड़ से निराश, रेशमा और उसका भाई अजय उनके जीवन को दुखदायी करने के लिए कई योजनाएँ बनाते हैं। अजय रूप के पिता को फाँसी पर लटकाता है और नीचे उनके पैर रूप के कंधों पर होते हैं। अजय पूजा के साथ चला जाता है और रूप को पूजा या अपने पिता को बचाने के लिए कहता है। रूप के पिता उसे लात मार देते हैं और अपना त्याग कर देते हैं, ताकि वह पूजा को बचा सके। रूप अजय की पार्टी में दखल देता है जहाँ पूजा को भी पकड़ कर रखा हुआ है। लड़ाई में, रेशमा पूजा को ले आती है और उसे जान से मारने की धमकी देती है। अजय रूप को गोली मारने की कोशिश करता है, लेकिन पूजा, जो उसे देख लेती है, रूप को धक्का दे देती है। ऐसे रेशमा को गोली लग जाती है और वो मर जाती है। नारंग को हैरान स्थिति में छोड़ दिया जाता है, जबकि रूप और पूजा बच भागते हैं।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- नसीरुद्दीन शाह — अजय नारंग
- शाहरुख़ ख़ान — रूप सिंह राठौर
- पूजा भट्ट — पूजा
- अनुपम खेर — शम्भूनाथ सिंह राठौर
- रम्या कृष्णन — रेशमा नारंग
- अवतार गिल — पूजा के मामा
- मुशताक ख़ान — एना
- टीकू तलसानिया — ट्रैफिक पुलिसवाला
- पंकज बैरी — राजा
- अनंत जोग — मंत्री के. के. सिंह
- रज़ाक ख़ान — पूजा का भाई
- श्री वल्लभ व्यास — पटेल
- ओमकार कपूर — विकी
संगीत
संपादित करेंसभी गीत अनु मलिक द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
---|---|---|---|---|
1. | "चाहत ना होती" | निदा फाजली | अलका याज्ञिक, विनोद राठोड़ | 8:05 |
2. | "डैडी कूल कूल" | माया गोविंद | सुदेश भोंसले, देवंग पटेल | 8:23 |
3. | "दिल की तनहाई को" | निदा फाजली | कुमार सानु | 7:29 |
4. | "कभी दिल से कम" | निदा फाजली | कुमार सानु, साधना सरगम | 5:24 |
5. | "नहीं जीना यार बिना" | देव कोहली | कविता कृष्णमूर्ति, उदित नारायण | 5:55 |
6. | "नहीं लगता दिल नहीं" | निदा फाजली | अलका याज्ञिक, उदित नारायण | 6:57 |
7. | "तुमने दिखाए ऐसे सपने" | नीरज पाठक | विनोद राठोड़ | 6:40 |
कुल अवधि: | 48:53 |