यह मानव भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं। इसके अन्तर्गत विश्व-स्तर पर व्यप्त पर्यावरण-प्रदूषण एवं वायुमण्डलीय अशुद्धियों क्र मानव जीवन पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों का अध्यन मानव जीवन को स्वास्थ्कर बनाने की नज़र से किया जाता हैं।