चिरसम्मत विद्युत् चुम्बकीकी
शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व (Classical electromagnetism) सैद्धान्तिक भौतिकी की वह शाखा है जिसमें न्यूटनवादी भौतिकी के आधार पर विद्युत आवेशों (चार्ज) और विद्युत धाराओं (करंट) के एक-दूसरे के ऊपर हुए प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। यह आधुनिक विद्युत्चुम्बकत्व से ज़रा भिन्न है क्योंकि शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व में केवल क्वान्टम भौतिकी को पूरी तरह से नज़र-अंदाज़ किया जाता है। क्वान्टम प्रभावों को उपेक्षित करने के कारण शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व केवल बड़ी वस्तुओं और विद्युत धाराओं को ही समझने में सक्षम है। ऐसे बड़े पैमानों पर शास्त्रीय विद्युत्चुम्बकत्व से बहुत लाभ उठाया जा सकता है।[1][2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Panofsky, W. K., and M. Phillips, 1969, Classical Electricity and Magnetism, 2nd edition, Addison-Wesley, Reading, Massachusetts
- ↑ Jackson, John D. (1998). Classical Electrodynamics (3rd ed.). New York: Wiley. ISBN 0-471-30932-X.