चीन-कोरिया मैत्री पुल
चीन-कोरिया मैत्री पुल, या चीन-उत्तर कोरिया मैत्री पुल, चीन-उत्तर कोरिया सीमा पर अम्नोक नदी पर स्थित एक पुल है। यह चीन में डांडोंग और उत्तर कोरिया के सिनुइजू शहरों को रेलवे और सड़क मार्ग से जोड़ता है। इस पुल को पैदल चलने वालों को पार करने की अनुमति नहीं है। ये पुल उत्तर कोरिया में प्रवेश करने के कुछ सीमित मार्गों में से एक है। यह चीन में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है|[1][2]
1990 में इसका नाम 'यलु (अम्नोक) रिवर ब्रिज' से बदल कर वर्तमान नाम कर दिया गया था। पुल का निर्माण इंपीरियल जापानी सेना (IJA) द्वारा अप्रैल 1937 और मई 1943 के दौरान किया गया था जब जापान का कोरिया और उसके कठपुतली राज्य मंचुकुओ (अब उत्तर पूर्व) पे कब्ज़ा था।
इतिहास
संपादित करेंइस पुल के लगभग 100 मीटर (110 yd) नीचे की ओर एक पुराने पुल के अवशेष हैं, जिसे अब यलू रिवर ब्रोकन ब्रिज के रूप में जाना जाता है, जिसे अक्टूबर 1911 में चीन और कोरिया के बीच यातायात के लिए खोला गया था। बाद में इसके साथ एक और अधिक आधुनिक पुल का निर्माण किया गया जो की 1943 में चालू हुआ। दोनों पुलों पर कोरियाई युद्ध के दौरान अमेरिकी सैन्य विमानों द्वारा बहुत हमला किया गया और बमबारी भी की गई। नवंबर 1950 से फरवरी 1951 तक, अमरीकी वायु सेना (USAF) ने चीनी सेना और कोरिया के सैन्य बल का संपर्क काटने के प्रयास में इन पुलों पर बार-बार B-29 भारी बमवर्षकों और F-80 लड़ाकू-बमवर्षकों का इस्तेमाल करके नष्ट करने का प्रयास किया। मौजूद गंभीर कठिनाइयों के बावजूद, पुलों की बार-बार मरम्मत की गई (मुख्य रूप से चीन द्वारा)। 1911 के पुराने पुल को अमरीकी वायु सेना के हाथों विनाश के बाद खंडहर ही छोड़ दिया गया था और केवल 1943 के नए पुल की मरम्मत की गई और 1953 में युद्ध की समाप्ति के बाद इसे वापस उपयोग में लाया गया।