चुम्बकीय क्रोड स्मृति

लगभग १९५५ और १९७५ के बीच २० वर्शों तक रैन्ड्म- ऐक्सेस कंप्यूटर मेमोरी का प्रमुख स्वरूप्

संगणक के विकास के आरम्भिक दिनों (लगभग 1955 से 1975 तक) चुम्बकीय क्रोड स्मृति (Magnetic-core memory) संगणक की स्मृति के रूप में प्रयोग की जाती थी। इससे रैंडम ऐक्सेस मेमोरी बनती थी। यह इस सिद्धान्त पर काम करती है कि चुम्बकीय पदार्थों में विद्युत धारा का मान शून्य कर देने पर भी उसमें चुम्बकत्व बना रहता है।

32 x 32 क्रोड-स्मृति जो 1024 बिट आंकड़ा संग्रह कर सकती है।
क्रोड-स्मृति का विस्तारित दृष्य

इन्हें भी देखें

संपादित करें