चुम्बक-प्रवाहिकीय द्रव
चुम्बक-प्रवाहिकीय तरल पदार्थ ( magnetorheological fluid या MRF ) ऐसा तरल पदार्थ है जिसकी श्यानता उस पर आरोपित चुंबकीय क्षेत्र पर निर्भर करती है। प्रायः इन्हें किसी दूसरे 'वाहक द्रव' में मिलाकर काम में लिया जाता है। जब चुम्बक-प्रवाहिकीय द्रव को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो इसकी श्यानता बहुत अधिक बढ़ जाती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि चुम्बकीय क्षेत्र को घटाबढ़ाकर ऐसे तरल पदार्थों की पराभव सामर्थ्य (yield stress) को अत्यन्त शुद्धता से नियंत्रित किया जा सकता है। अपने इस गुण के कारण चुम्बक-प्रवाहिकीय द्रवों को अनेक प्रकार से उपयोग में लाया जा रहा है, जैसे चुम्बक-प्रवाहिकीय ब्रेक, चुम्बक-प्रवाहिकीय अवमन्दक, चुम्बक-प्रवाहिकीय क्लच आदि। [1]