चूरमा, राजस्थान की एक सर्वाधिक लोकप्रिय मिठाई है । सामान्यतः इसे दाल बाटी के साथ परोसा जाता[1]है। ज्यादातर इसे सीधे चूरे(मिश्रण) के रूप में ही परोसा जाता है और कई जगहों पर इस मिश्रण के लड्डू बनाकर या बर्फी बनाकर जिसे कत्त भी कहते है, परोसा जाता है |[2] चूरमा राजस्थान के हर त्यौहार, शादी ब्याह, या सामूहिक भोज में परोसा जाता है।

चूरमा  
उद्भव
संबंधित देश भारत
देश का क्षेत्र राजस्थान, पश्चिम भारत
व्यंजन का ब्यौरा
भोजन मिष्ठान्न
मुख्य सामग्री गेहू का आटा
अन्य प्रकार कत्त(चूरमा की बर्फी)

सामान्यतः इसे मोटे आटे[3] से बनी, बिना नमक की बाटी जिसे दगे कहा जाता है, से बनाया जाता है। चूरमा बनाने के लिये दगो को कंडे की धीमी आंच पर भूनकर या सीधे देसी घी में तल कर भी बनाया जाता है। पूरी तरह पके हुए दगो को फोड़ कर बारीक चूरा बना दिया जाता है और इसमें घी, गुड या बुरा, मावा एवं सूखे मेवे मिला कर तैयार किया जाता है | फिर इसे या तो सीधे मिश्रण के रूप में या फिर लड्डू अथवा कत्त के रूप में परोस दिया जाता हैं।

  1. McWilliams, M. (2014). Food & Material Culture: Proceedings of the Oxford Symposium on Food and Cookery 2013. Proceedings of the Oxford Symposium on Food and Cookery (अंग्रेज़ी में). Prospect Books. पृ॰ 266. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-909248-40-3. अभिगमन तिथि 20 दिसम्बर 2017.
  2. Live, A. B. P. (2022-07-17). "राजस्थान का कत-बाफला पूरे देश में प्रसिद्ध, जानिए- क्यों है पर्यटकों की पहली पसंद?". www.abplive.com. अभिगमन तिथि 2023-04-20.
  3. "चूरमा/ चूरमे के लड्डू". Chezshuchi. मूल से 22 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 दिसम्बर 2017.

बाहरी कड़ियाँ

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चूरमा के लडडू की पकवानविधि