चेतक (लिच्छवि नरेश)
राजा चेतक प्राचीन भारत के वैशाली लिच्छवि राजवंश मुखिया थे जो गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी के समकालीन थे। उनकी शासन एक समिति के द्वारा चुने गए राजा के द्वारा चलता था। राजा समिति के परामर्श से कार्य करता था। चेतक की दो पुत्रियाँ थीं, त्रिशला और चेल्लना । त्रिशला का विवाह राजा सिद्धार्थ से हुआ था जिनसे २४वें तीर्थंकर महावीर जन्मे। चेल्लना का विवाह बिम्बिसार से हुआ था। चेतक के दस पुत्र थे- धनदत्त, ध्नप्रभ, उपेन्द्र, सुदत्त, सिदत्त, सुकुम्बोझ, अकम्पन, प्रभञ्जन और प्रभास।
चेतक | |
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संतान | चेलना |
चेतक ने वज्जि संघ का निर्माण किया था जिसमें ९ मल्लकी, काशी/कोशल के १८ गणराज्य तथा ९ लिच्छवि गणराज्य सम्मिलित थे।
जैन परम्परा
संपादित करेंजैन ग्रन्थ उत्तरपुराण में तीर्थंकर और अन्य शलाकापुरुषों का वर्णन है। ग्रन्थ में चेटक को वैशाली का एक प्रसिद्ध और मेहरबान राजा बताया गया है। ग्रन्थ में लिखा है कि वैशाली के राजा चेटक के 10 पुत्र और सात पुत्रियाँ थी। उनकी ज्येषठ पुत्री पिर्यकारिणी अर्थात त्रिशला का विवाह कुण्ड ग्राम के राजा सिद्धार्थ से हुआ था।[1] उनके एक और बेटी चेलना का विवह श्रेणिक (जिन्हें बिंबिसार के रूप में जाना जाता है) से हुआ था।.[2]
सन्दर्भ सूची
संपादित करें- ↑ Pannalal Jain 2015, पृ॰ 482.
- ↑ Pannalal Jain 2015, पृ॰ 484.
सन्दर्भ
संपादित करें- गुणभद्र, आचार्य; जैन, साहित्याचार्य डॉ पन्नालाल (2015), उत्तरपुराण, भारतीय ज्ञानपीठ, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-263-1738-7