चेर राजवंश
भील
चेर (तमिल - சேரர்) दक्षिण भारत का एक राजवंश था। इसको ऐतरेय ब्राह्मण ग्रंथ मे "केरलपुत्र" (संस्कृत) नाम से भी जाना जाता है। अशोक के दूसरे शिलालेख मे उसने इसे केरलपुत्र कहा। इसका विस्तार आधुनिक कोयम्बटूर, सलेम तथा करूर जिले (तमिल नाडु) तथा मध्य केरल के कुछ क्षेत्रों के पास केन्द्रित था।
चेरों का शासन काल संगम साहित्य युग के पूर्व आरंभ हुआ था। इसी काल के उनके पड़ोसी शासक थे - चोल तथा पांड्य।