चौथ माता
[1], चौथ का बरवाड़ा राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के अंतर्गत आने वाला एक छोटा सा शहर है, माता जी का भव्य मंदिर इसी छोटे से शहर के शक्तिगिरी पर्वत पर बना हुआ है। चौथ माता हिन्दू धर्म की प्रमुख देवी मानी जाती है जो स्वयं माता पार्वती का ही एक रूप है। भारत का सबसे प्राचीन व सबसे सुप्रसिद्ध चौथ माता का मंदिर चौथ का बरवाड़ा शहर में स्थापित है जहाँ पर हर महीने की चतुर्थी पर लाखों दर्शनार्थी माता जी के दर्शन हेतु आते हैं। चौथ का बरवाड़ा शहर में हर चतुर्थी को स्त्रियाँ माता जी के मंदिर में माँ के दर्शन करने के बाद व्रत खोलती है एवं सदा सुहागन रहने आशीष प्राप्त करती है। करवा चौथ एवं माही चौथ पर माता जी के दरबार में लाखों की तादाद में दर्शनार्थी पहुँचते है जिससे छोटा सा चौथ का बरवाड़ा शहर माता जी के जयकारों से गुंजायमान रहता है। चौथ माता के स्त्रियों की भीड़ पुरुषों की अपेक्षा अधिक रहती है क्योंकि सुहाग के लिए सबसे उपयुक्त जगह माँ का दरबार जो जन जन की आस्था का केंद्र है।
{2} भारत का दूसरा चौथ माता का मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में एयरपोर्ट मार्ग स्थित अम्बिकपुरी कॉलोनी में है. जहाँ प्रत्येक महीने की चौथ पर हजारो श्रद्धालु दर्शन हेतु आते है.
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करेंचौथ माता व्रत की कहानी Archived 2021-06-02 at the वेबैक मशीन
- ↑ "नैया पार लगाती है चौथ भवानी". राजस्थान पत्रिका. १६ जनवरी २०१५. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ६ अगस्त २०१५.