चौपारण
चौपारण (Chauparan) भारत के झारखंड राज्य के हज़ारीबाग ज़िले में स्थित एक शहर है।[1][2]
चौपारण Chauparan | |
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निर्देशांक: 24°23′N 85°15′E / 24.38°N 85.25°Eनिर्देशांक: 24°23′N 85°15′E / 24.38°N 85.25°E | |
ज़िला | हज़ारीबाग ज़िला |
प्रान्त | झारखण्ड |
देश | भारत |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 5,361 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
ऐतिहासिक महत्व
संपादित करेंझारखंड-बिहार की सीमा पर स्थित चौपारण प्रखंड बौद्ध अवशेषों से अटा पड़ा है। इस क्षेत्र में अनेक ऐसे प्रमाण बिखरे पड़े हैं, जिन्हें संरक्षित कर इलाके को बौद्ध धर्म स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। बौद्ध धर्म के अवशेषों में मानगढ़ में राज्य के सबसे बड़े बौद्ध स्तूप की पहचान हुई है। वहीं दैहर व सोहरा में बौद्ध धर्म की प्रमुख देवियों की मूर्तियां स्थापित हैं। इन मूर्तियों को सनातन धर्मावलंबी 'कमला माता' व 'समोखर माता' के नाम से पूजा करते हैं। कमला माता वास्तव में बौद्ध धर्म की मारीचि देवी की प्रतिमा है, जिसकी लोग पूजा कर रहे हैं। जबकि बौद्ध धर्म के प्रमुख देवी तारा की प्रतिमा सोहरा में स्थापित व प्रचलित समोखर माता की प्रतिमा से मिलती है। इस प्रतिमा को भी उत्खनन में बरामद किया गया था।[3]
मानगढ में राज्य के सबसे बड़े बौद्ध स्तूप की खुलासा तत्कालीन पुरातात्विक अधीक्षक एमजी निकोसे द्वारा की गई थी। यहां से नालन्दा विश्वविद्यालय के प्रख्यात इतिहासकार डा. विश्वजीत कुमार व डाक्टर रूबी कुमारी ने एनबीपीडब्ल्यू उत्तरी कृष्ण मित्र भांड , लाल व काले मृदभांड, समवर्ती मृदभांड, ब्लैक स्लिपवेयर आदि बरामद किए थे ।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Tourism and Its Prospects in Bihar and Jharkhand Archived 2013-04-11 at the वेबैक मशीन," Kamal Shankar Srivastava, Sangeeta Prakashan, 2003
- ↑ "The district gazetteer of Jharkhand," SC Bhatt, Gyan Publishing House, 2002
- ↑ मानगढ में है झारखंड का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप