छद्मावरण
छद्मावरण (camouflage) शत्रु को उन सभी जानकारियों से वंचित रखने का सैनिक विज्ञान है जिनसे वह युद्धपरिचालन में लाभान्वित हो सकता है। छद्मावरण विज्ञान छिपने के प्राकृतिक साधनों के उपयोग तथा कृत्रिम साधनों के निर्माण का ज्ञान प्रदान करता है।
इतिहास
संपादित करेंछद्मावरण का प्रयोग प्राचीन काल से ही होता चला आ रहा है। इसके प्रयोग से पराजय को विजय में बदलने के कई उदाहरण इतिहास में मिलते हैं। ईसा से 1,200 वर्ष पूर्व त्रॉय के घेरे में ग्रीकों द्वारा "कपट अश्व" का प्रयोग इसका एक सुंदरतम उदाहरण है। प्रकृति में छद्मावरण का रूप खूब देखने को मिलता है। हिम प्रदेश का रीछ हिम के पर्यावरण में लगभग अदृश्य-सा हो जाता है।
प्रथम विश्वयुद्ध में छद्मावरण युद्धपरिचालन का आवश्यक अंग हो गया। पनडुब्बीमार (antisubmarine) उपाय के रूप में यह अत्यंत सफल रहा। व्यापारी जहाजों पर भड़कीला रंग लगाकर शत्रु को उसकी दिशा और वेग के संबंध में भ्रम उत्पन्न किया जाता था। रहस्यमय क्यूबोट का क्या कहना, जो देखने में व्यापारी जहाज जान पड़ते थे और इन्हें निरापद समझकर शत्रु की पनडुब्बी जब समुद्रपृष्ठ पर आ जाती तो ये गोले उगलना प्रारंभ कर देते थे। द्वितीय विश्वयुद्ध तक हवाई टोह का विकास इतना हो चुका था कि छद्मावरण का महत्व और भी बढ़ गया।
परिचय
संपादित करेंछद्मावरण में सभी लाभप्रद कार्रवाइयाँ शामिल हैं, जैसे हवाई प्रेक्षण, फोटोग्राफी और बमबारी से बचाव, पनडुब्बी के खतरे को कम करना, शत्रु को सही आँकड़ों की जानकारी से वंचित रखना, सेना, तोप, शिविर और सैनिक अभिस्थापनों को छिपाना, हवाई जहाज़ों के मैदान, वायुयान ओर औद्योगिक अभिस्थापनों को छिपाना या रूपांतरित करना, प्रत्येक सैनिक की रक्षा करना, आदि।
छद्मावरण निर्माण करते समय प्रेक्षक की चर्या का विचार करना चाहिए। हवाई प्रेक्षक सभी दृश्यों के मानसिक चित्र से अनुमान लगाता है। अनुमान सही भी हो सकता है और भ्रामक भी। यदि प्रेक्षक फोटो लेता है तो फोटो के कुशल परीक्षण से अनुमान लगाते हैं।
सफल छद्मावरण के लिए भिन्न भिन्न स्थितियों में दृश्यता का विचार करना चाहिए। प्रदीप्ति तथा प्रेक्षक और लक्ष्य के मध्य अवकाश की पारदर्शकता और वैषम्य विचारणीय तत्व हैं। इन तत्वों के परिवर्तन से प्रेक्षक की दृष्टि प्रभावित होती है। इन तत्वों के परिवर्तन से प्रेक्षक की दृष्टि प्रभावित हाती है। धुंध में सीधी प्रदीप्ति और पर्याप्त वैषम्य होने पर भी वस्तु की पहचान नहीं हो पाती। धुंध की चीजों को देखने के लिये अवरक्त कैमरे (infra-red camera) का प्रयोग किया जाता है।
द्वितीय विश्वयुद्ध के दिनों इंग्लैंड की सरकार ने सैंकड़ों नकली शहर, हवाई अड्डे, पोतप्रांगण आदि का निर्माण कराया था। इतने कलात्मक ढंग से ये बने थे कि इन स्थानों पर शत्रु के हजारों टन बम बेकार ही बरस गए। इसी प्रकार नकली हवाई अड्डों पर असली हवाई अड्डों की अपेक्षा अधिक धावे हुए।
हवाई मैदानों का छद्मावरण एक कला है। इनमें हवाई पट्टी को पर्यावरण के भूप्रदेश से सम्मिश्रित कर दिया जाता है। ऐसा करते समय यह ध्यान रखने की बात है कि ऋतुपरिवर्तन के साथ भूप्रदेश की प्रतीति बदल जाती है। सैनिक का छदृमावरण रंग और रंगीन वस्त्रों से किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, खाकी वर्दी मरुभूमि में और सफेद वर्दी हिम प्रदेशों में खप जाती है।
छिपने के लिए छद्मावरण की रीति और स्थिति का चुनाव दोनों समान महत्व के प्रश्न हैं। छिपाने की दृष्टि से सेना को ऐसी पृष्ठभूमि में रखते हैं कि स्थिति के तत्वों में सेना अदृश्य हो जाए। पृष्ठभूमि की प्रतीति में कम से कम परिवर्तन अभीष्ट होता है। पृष्ठभूमि का उत्तम उपयोग करके बिना किसी प्रकार के निर्माणकार्य के ही छिपाव हो सकता है। प्राकृतिक आड़ पर्याप्त हो, तो छिपाना सरल हो तो है और यदि छिटपुट हो, तो भूप्रदेश की अनियमितता से लाभ उठाकर सेना को छिपाते हैं।
छद्मावरण अनुशासन ऐसे कार्यकलापों का निवरण है जिनमें पृष्ठभूमि की प्रतीति बदल जाती है या सैनिक लक्ष्य प्रकट हो जाते हैं। फालतू मिट्टी और मलबा सैनिक कार्रवाई के स्पष्ट संकेत हैं, अत: इन्हें या तो छिपा देते हैं, या परिस्थान से सम्मिश्रित कर देते हैं। घरों से निकलनेवाले धुँए को नियंत्रित और व्यासृत करना भी परमावश्यक होता है।
कठोर अनुशासन का पालन हर हालत में होना चाहिए। जोर से आदेश देना, नाम लेकर पुकारना, खाँसना, छींकना आदि वर्जित हैं। कोमल भूमि का लाभ उठाना चाहिए। सैनिक उपकरणों को इस प्रकार बाँधना चाहिए कि किसी प्रकार आवाज न होने पाए। गाड़ी पर माल लादते और उतारते समय आवाज नहीं होनी चाहिए। ध्वनिपरासन (sound ranging) से शत्रु को अपनी तोपों की स्थिति का पता न लगने देने के लिए आवश्यक है कि चलती-फिरती सेना परासन करे।
सैनकि कार्यकलाप और अभिस्थापन को छिपाने की तीन मुख्य विधियाँ हैं :
(1) सम्मिश्रण, इसमें छद्मावरण पदार्थ स लक्ष्य को इस प्रकार छिपाते हैं कि लक्ष्य और पदार्थ पृष्ठभूमि के अंग जान पड़ते हैं,
(2) अभिस्थापन पर रक्षावरण निर्मित करना
(3) सैनिक महत्व के लक्ष्य या क्रियाकलाप की नकल उतारकर शत्रु को भ्रमित करना।
यूनिटों को तितर-बितर करना छद्मावरण निर्माण में सहायक होता है। बिखराव से सैनिक कार्यकलापों की पहचान कठिन हो जाती है। विदारी चित्रण (disruptive painting) भी छद्मावरण की एक प्रचलित विधि है। इसका प्रयोग जहाज, हवाई जहाज, टैंक तथा स्थल अभिस्थापनों के छद्मावरण में किया जाता है। जलयान का विदारी चित्रण करने से उसकी प्राकृतिक संरचना रेखाएँ अदृश्य हो जाती हैं, जिससे उसकी दिशा और वेग का निर्धारण करना कठिन हो जाता है।
स्थिर असैनिक अभिस्थापनों का बमवर्षक ओर हवाई टोह लेनेवालों से बचाना कठिन समस्या है। बड़े-बड़े अभिस्थापनों को फोटोग्राफी से गुप्त रखना लगभग असंभव है। फोटोग्राफी से ज्ञात अभिस्थापनों को छद्मावनण उपचार से ऐसा बनाते हैं कि बमवर्षक उन्हें समय से पहचान न पाएँ।
कहने की आवश्यकता नहीं कि नदी, सड़क, ओर स्टेडियम जैसे बृहद, ध्यानाकर्षी अभिस्थापनों को छिपाना अत्यंत कठिन है और बमवर्षक इन्हीं स्थलचिह्नों की सहायता से अपने लक्ष्य पहचान लेते हैं। ऐसे अभिस्थापनों के छद्मावरण के लिए यह आवश्यक होता है कि इन अभिस्थापनों का निर्माण करते समय ही सावधानी बरती गई हो।
द्वितीय विश्वयुद्ध में जिन छद्मावरण उपायों का प्रयोग हुआ उनसे बमवर्षक और दृष्टिप्रेक्षण को धोखा दिया जाता था। मार्गनिर्देशन राडार तथा अंध बमवर्षक उपकरणों के आविष्कार से अब इन विधियों से काम नहीं चल सकता। परमाणु बम ओर रॉकट के युग में अधिक सुनियोजित और वैज्ञानिक छद्मावरण विधि का विकास करना इस युग की अनिवार्य आवश्यकता है।