जगतसुन्दर मल्ल
जगतसुन्दर मल्ल (माष्टर जगतसुन्दर मल्ल) नेपाल भाषा का पुनर्जागरण काल के नेपालभाषा शिक्षा प्रचारक थे। वेह नेपालभाषा पुनर्जागरण के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक है। इन्होने बालबालिकाओं के लिए इसप के कहानियों को नेपालभाषा में अनुवाद करके इसपं दयेकातःगु बाखं नामक पुस्तक प्रकाशित किया। इन्होने भक्तपुर में नेपालभाषा में पठन-पाठन के लिए एक विद्यालय की भी स्थापना की। इनकी मान्यता थी कि बच्चे अपने मातृभाषा में पढें तो ज्ञान आर्जन जल्दी कर सकते है।
जगतसुन्दर मल्ल | |
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जन्म | नेपाल संबत १००३ कउलागा क्वाथ छेँ, खौला, भक्तपुर |
मौत | नेपाल संबत १०७२ गुंलाथ्व सप्तमी |
पेशा | शिक्षा |
भाषा | नेपालभाषा |
राष्ट्रीयता | नेपाली |
काल | पुनर्जागरण |
विधा | शिक्षा |
आंदोलन | नेपालभाषा पुनर्जागरण |
व्यक्तिगत जीवन
संपादित करेंइनका जन्म ने॰स॰ १००३ कउलागा में हुवा था। इन का पिता का नाम विष्णुधर मल्ल व माता का नाम जगतलक्ष्मी मल्ल है। इनका निवास क्वाथ छेँ, खौमा, भक्तपुर मै था। इनके धर्मपत्नी जनकलक्ष्मी मल्ल थी।
कृतियाँ
संपादित करेंइनका कृतियाँ इस प्रकार है-
- नेपाल अंग्रेजी फस्टबुक
- गोरखाली अंग्रेजी फस्टबुक
- सुगमबोध गणित
- इसपं दयकागु बाखँ