जन्म दोष या जन्म के दोष किसी बच्चे के जन्म के समय मौजूद संरचनात्मक या कार्यात्मक असामान्यताएँ हैं जो शारीरिक विकलांगता, बौद्धिक और विकासशील विकलांगता (आईडीडी), और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकते हैं। कुछ घातक हो सकते हैं, खासकर अगर पता लगाकर जल्दी से इलाज नहीं किया जाता है तो।[1]

  • जन्म से अंधापन
  • पाँव की अपाहिजता
  • हाथों का असमान रूप से छोटा होना।

आमतौर पर यह माना जाता रहा है कि गर्भवती होने से पहले तक गर्भ-निरोधक गोलियों का सेवन नवजात में जन्म-दोष का कारण बनता है लेकिन यह बात एक शोध ने सिरे से ख़ारिज कर दी है।[2]

भारत में जन्म दोष के प्रति जागृकता

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हरियाणा भारत का ऐसा पहला राज्य है जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के सहयोग से राज्य व्यापी जन्म दोष निगरानी अभियान शुरू किया गया है।[3]

इन्हें भी देखें

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  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 28 अक्तूबर 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 अप्रैल 2018.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 अप्रैल 2018.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 अप्रैल 2018.