जम्बूस्वामी जैन धर्म के अंतिम केवली थे। इनका जन्म राजागृही में 542 ई.पूर्व हुआ था, इनके पिता का नाम 'रिषभदत्त' एवं माता 'धारिनीदेवी' थी जिन्होंने सुधर्मास्वामी के निर्वाण के पश्चात ३९ बर्षो तक जैन धर्म की आचार्य परम्परा का निर्वाह किया और अन्त में मथुरा चौरासी से निर्वाण प्राप्त किया।[1]

जम्बूस्वामी जी की प्रतिमा, मथुरा चौरासी
अंतिम केवली जम्बूस्वामी जी के चरण चिन्ह

सन्दर्भ सूची

संपादित करें
  1. प्रमाणसागर, मुनि (२०१४), जैन धर्म और दर्शन, निर्ग्रंथ फ़ाउंडेशन, पृ॰ ४६, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7483-007-3