जम्मू और कश्मीर रियासत

जम्मू और कश्मीर रियासत (Jammu and Kashmir State)

By- Dipanshu Sinha

सामान्य परिचय: जम्मू और कश्मीर, भारतीय उपमहाद्वीप का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र था। यह राज्य भारतीय संघ में विशेष स्थान रखता था, क्योंकि इसकी राजनीतिक स्थिति और भौगोलिक स्थिति काफी जटिल रही है। जम्मू और कश्मीर राज्य को 2019 में भारतीय सरकार द्वारा विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पुनः दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया: जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) और लद्दाख (Ladakh)। यह विभाजन 31 अक्टूबर 2019 को हुआ।

    • History:**

जम्मू और कश्मीर की ऐतिहासिक उत्पत्ति मध्यकाल में होती है। इस क्षेत्र का उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों में भी मिलता है। कश्मीर प्राचीन भारत के एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र के रूप में जाना जाता था। कश्मीर में हिन्दू धर्म के प्रभाव और बौद्ध धर्म की उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण रही है।

    • राजनीतिक स्थिति:**

1. **भारत में शामिल होना (1947): भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बाद, 15 अगस्त 1947 को भारत और पाकिस्तान का विभाजन होने के बाद जम्मू और कश्मीर रियासत का शाही परिवार ने स्वतंत्र रहने का निर्णय लिया। पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर रियासत के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया, जिसका परिणाम हुआ कि महाराजा हरि सिंह ने सैन्य सहायता की मांग भारत से की। उसकी जगह भारत ने 26 अक्टूबर 1947 को कश्मीर का भारत में विलय करने को स्वीकार किया। 2. **संविधान और विशेष दर्जा:**

जम्मू और कश्मीर भारतीय संविधान की धारा 370 के अन्दर विशेष दर्जा प्राप्त था। इन उपबंधों के अनुसार, जम्मू और कश्मीर को अपना विशेष संविधान व लागू करने की अनुमति थी एवं कुछ लेखांकन भारतीय संविधान पर भी लागू कर सक्ता था. इसके अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर के नागरिक के विशेष अधिकार हुआ करते थे. जैसे वह केवल स्थायी निवासी का ही अधिकार है जम्मू - कश्मीर राज्य की सभी संपत्तियों पर. 3. **जम्मू और कश्मीर संघर्ष:**


  जम्मू और कश्मीर 1980 के दशक से आतंकवाद और विद्रोह की स्थिति में बदल गया। आतंकवादी गतिविधियाँ पाकिस्तान के समर्थन में राज्य में अस्थिरता पैदा करते हुए चलीं, किंतु भारतीय सेना जम्मू और कश्मीर में उनकी यह कार्रवाई शुरू करती रहती है। इस जंग ने 1990 के दशक में चरम बनकर रख दिया। और आज भी अभी तक अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में इस पर बहस अभी भी है।
    • संविधान और प्रशासन:

जम्मू और कश्मीर का एक अलग संविधान था, जो 1957 में लागू हुआ था। 2019 में, भारतीय सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया, जिससे जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हो गया और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया – जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख।

    • भौगोलिक स्थिति:**

जम्मू और कश्मीर भारत के उत्तर में स्थित है। यह पाकिस्तान, चीन और भारत के अन्य राज्यों से घिरा हुआ है। जम्मू और कश्मीर की भौगोलिक विविधता में ऊंचे पहाड़, घने जंगल, नदियाँ, झीलें और घाटियाँ शामिल हैं। कश्मीर घाटी, जो राज्य का प्रमुख क्षेत्र था, अपनी सुंदरता और पर्यटकों के आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है।

    • संस्कृति:**

जम्मू और कश्मीर की संस्कृति में हिन्दू, मुस्लिम और बौद्ध संस्कृतियों का मिश्रण देखा जाता है। कश्मीर की कश्मीरी संस्कृति, कश्मीरी भोजन, हस्तशिल्प (जैसे कश्मीरी कालीन), और संगीत का प्रमुख योगदान है। यहां के मुख्य धार्मिक स्थल, जैसे अमरनाथ गुफा, वैष्णो देवी, और मस्जिदें, पूरे क्षेत्र की धार्मिक विविधता को दर्शाते हैं।

    • आर्थिक स्थिति:**

1. **कृषि:** जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है। यहां की प्रमुख कृषि उत्पादों में चावल, फल (जैसे सेब, नाशपाती), और मखमली फसलें शामिल हैं। 2. **पर्यटन:**

  कश्मीर घाटी, जम्मू का वैष्णो देवी मन्दिर, गुलमर्ग, सोनमर्ग, और अन्य पर्यटक स्थल हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं। 

3. **हस्तशिल्प:**

कश्मीरी कालीन, शॉल और अन्य हस्तशिल्प उत्पाद विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। **वर्तमान स्थिति:**

2019 में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हो गया। इसके साथ ही राज्य का विभाजन भी हुआ और इसे केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया। जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने से इस क्षेत्र में कई सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बदलाव आए हैं।

    • Conclusion:**

जम्मू और कश्मीर भारतीय इतिहास और राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस क्षेत्र को अपनी सांस्कृतिक धरोहर, भौगोलिक सुंदरता, और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। लेकिन, सुरक्षा और राजनीतिक मुद्दों के चलते यह क्षेत्र लंबे समय से संघर्ष का केंद्र रहा है। 2019 के बाद, भारतीय सरकार ने इस क्षेत्र में कई प्रशासनिक और कानूनी बदलाव किए हैं, लेकिन यह अभी भी भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन के बीच एक संवेदनशील क्षेत्र है।