महाराजा सवाई जय सिंहजी तृतीय (1819 -1835) उन्नीसवीं सदी के जयपुर राज्य के शासक हुए। उन्होंने अपने पिता महाराजा सवाई जगत सिंहजी की अकस्मात मृत्यु के बाद जयपुर की राजगद्दी संभाली। उनका राजकाल सबसे कम रहा और वो मात्र सोलह वर्ष की अल्पायु में ही मृत्यु को प्राप्त हुए।

उनकी चार रानियां थीं। चारो रानियों में प्रमुख रानी उनकी पटरानी रानी देवड़ीजी (चौहानजी) रतन कँवरजी पुत्री महाराव शिव सिंहजी सिरोही की थी तथा उनके एकमात्र पुत्र और उत्तराधिकारी महाराजा सवाई राम सिंहजी की माता रानी चँद्रावतजी (सिसोदीनीजी) पुत्री राव लक्ष्मण सिंहजी चँद्रावत श्योपुर (जयपुर राज्य) की थी।

उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र महाराजा राम सिंहजी द्वितीय जयपुर के अगले शासक बने। राजकुमार की कम आयु के कारण उनकी माता माजी चंद्रावतजी ने उनके पीछे राज भार संभाला।