जया गोस्वामी हिंदी की वरिष्ठ कवयित्री, शायरा, व्यंग्यकार, लेखिका और चित्रकार हैं।[1][2] इनका जन्म जयपुर, राजस्थान के एक प्रतिष्ठित, सुसंस्कृत परिवार में संस्कृत के आधुनिक महाकवि भट्ट मथुरानाथ शास्त्री के यहां 5 फरवरी 1939 को हुआ। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में ‘प्रभाकर’ करने के बाद 1962 में जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स, मुंबई से ड्राइंग और पेंटिंग में इंटर आर्ट्स किया। राजस्थान विश्वविद्यालय से उन्होंने संस्कृत तथा समाजशास्त्र विषयों में एम.ए. किया। ‘वैदिक सौर देवता’ विषय पर उन्होंने शोधकार्य भी किया। कुछ समय तक लालबहादुर महाविद्यालय, जयपुर में समाजशास्त्र विषय में व्याख्याता के पद पर अध्यापन करने के बाद वे 1974 में राजस्थान आवासन मण्डल की सेवा में आयीं, जहाँ से वे 1998 में वरिष्ठ कार्मिक प्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हुईं।

जया गोस्वामी

काव्य लेखन के साथ साथ चित्रकला और शिल्प में अपनी गहरी अभिरुचि को जीवंत रखते हुए वे चित्र सृजन भी निरंतरता के साथ करती हैं। उन्होंने चित्रकला में ‘शिल्पांकन’ नामक शैली का विकास किया जो चित्रकला तथा ‘एप्लीक’ शिल्प विधा से फलक पर चित्रित करने की एक तकनीक है। ललितकला अकादमी एवं राजस्थान सूचना केंद्र, जयपुर की कला दीर्घाओं में उनकी एकल चित्र प्रदर्शनियां लगती रही हैं।

साहित्यिक रचनाएं संपादित करें

जया गोस्वामी देश की उन गिनी-चुनी कवयित्रियों में शामिल हैं, जिनका हिंदी साहित्य के शास्त्रीय मानदंडों के अनुरूप छन्दोबद्ध कविताओं का एक विशाल ज़खीरा उपलब्ध है। इस लेखिका की हिंदी और संस्कृत विषयों पर वार्ताओं का सतत प्रसारण आकाशवाणी से होता आया है। एक लम्बे समय से राष्ट्रीय स्तर की अनेक पत्र-पत्रिकाओं जैसे ज्ञानोदय, नवनीत, चक्रवाक्, हास्यम्-व्यंग्यम्, हरिगंधा, मधुमती, कादम्बिनी, साहित्य-अमृत, लेखा-प्रकाश, अट्टहास, शीराजा, वीणा, हमारी धरती, ग़ज़ल गरिमा, ग़ज़ल के बहाने, देशकाल सम्पदा, जनपथ, शिवम्-पूर्णा, लोक-शिक्षक, सखी, पत्रिका, मेरी संगिनी, हिंदी चेतना, गर्भनाल आदि में उनकी गीतों, ग़ज़लों, कविताओं, व्यंग्यों और लेखों का प्रकाशन होता रहा है। इन्होंने 'कला प्रयोजन' जैसी महत्वपूर्ण पत्रिकाओं के लिए लंबे समय तक अनेकानेक पुस्तक-समीक्षाएं स्थाई स्तम्भकार के रूप में लिखी हैं। इनके रचित 500 मुक्तकों का एक संकलन और 250 गीतों ग़ज़लों की दो अन्य किताबें 'शब्दार्थ प्रकाशन' के माध्यम से शीघ्र प्रकाश्य हैं।

उनकी गीत, कविताओं और ग़ज़लों की प्रकाशित पुस्तकें हैं -

  • 'न आईने न रौशनी न खिड़कियाँ’ (ग़ज़ल संग्रह), 2017. [3]
  • 'दलदल में जलसा’ (ग़ज़ल संग्रह), 2017.[4]
  • 'हम खग टूटी पाँखों के’ (गीत संग्रह), 2016.[5]
  • 'ये प्रवासी स्वप्न मेरे’ (गीत संग्रह), 2013.[6]
  • 'पास तक फ़ासले’ (गीत और ग़ज़ल संग्रह), 2010. [7]
  • 'अभी कुछ दिन लगेंगे’ (ग़ज़ल संग्रह), 1995.[8]

सम्मान संपादित करें

विभिन्न विधाओं के लिए उन्हें अलग अलग संस्थानों, जैसे राजस्थान विश्वविद्यालय संस्कृत परिषद्, राजस्थान आवासन मंडल, पर्वतारोहण संस्थान (बछिन्द्री पाल द्वारा), राजस्थान साहित्य अकादमी, आदि जैसी संस्थाओं से पुरस्कार व सम्मान मिले हैं, जिनमें से कुछ हैं -

  • “अमृत सम्मान”, राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर, 2018-19 [9] [10]
  • “प्रतिभा सम्मान”, द्वारका सेवा निधि, जयपुर, 2017 [11] [12]
  • “साहित्यकार सम्मान”, अनुराग सेवा संस्थान, दौसा, 2014-15.
  • "विशिष्ट साहित्यकार सम्मान", राजस्थान लेखिका संघ, जयपुर, 2009.
  • "साहित्य सृजन सम्मान", तैलंग-कुलम्, जयपुर, 2015.

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "'हिन्‍दीचेतना' का जुलाई-सितम्‍बर 2015 अंक इंटरनेट पर - Hindi Media". hindimedia.in. अभिगमन तिथि 2020-05-15.
  2. "द्वारका सेवा निधि सम्मान समारोह आज". khas khabar. 2017-10-05. मूल से 5 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-05-15.
  3. ‘न आईने न रौशनी न खिड़कियाँ’ (ग़ज़ल संग्रह), जया गोस्वामी, प्रकाशक - अनुष्टुप प्रकाशन, जयपुर, 2017.
  4. ‘दलदल में जलसा’ (ग़ज़ल संग्रह), जया गोस्वामी, प्रकाशक - अनुष्टुप प्रकाशन, जयपुर, 2017.
  5. ‘हम खग टूटी पाँखों के’ (गीत संग्रह), जया गोस्वामी, प्रकाशक – साहित्यागार, जयपुर, 2016.
  6. ‘ये प्रवासी स्वप्न मेरे’ (गीत संग्रह), जया गोस्वामी, प्रकाशक - साहित्यागार, जयपुर, 2013.
  7. ‘पास तक फ़ासले’ (गीत और ग़ज़ल संग्रह), जया गोस्वामी, प्रकाशक – किरण पब्लिकेशन्स, अजमेर, 2010.
  8. ‘अभी कुछ दिन लगेंगे’ (ग़ज़ल संग्रह), जया गोस्वामी, प्रकाशक – मंजुनाथ स्मृति संस्थान, जयपुर, 1995.
  9. राजस्थान साहित्य अकादमी, सैक्टर 4, हिरण मगरी, उदयपुर, राजस्थान,
  10. अमृत सम्मान <https://www.bhaskar.com/news/rajasthan-sahitya-akademi39s-annual-honorary-celebration-in-the-academy-auditorium-074504-2891907.html>
  11. "श्री द्वारका सेवा निधि" (ट्रस्ट),श्री मंगलम, शिव मार्ग, श्याम नगर, जयपुर <http://shreedwarkasevanidhi.org/ Archived 2018-12-25 at the वेबैक मशीन>
  12. जावित्रीदेवी प्रतिभा सम्मान <https://www.bhaskar.com/news/RAJ-JAI-HMU-MAT-latest-jaipur-news-050004-213950-NOR.html>

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

1. डॉ. नरेन्द्र शर्मा ‘कुसुम’ - “न आईने न रोशनी न खिड़कियाँ, दलदल में जलसा” <https://rsaudr.org/show_artical.php?id=681 Archived 2020-06-12 at the वेबैक मशीन>

2. शायरा जया गोस्वामी in “51 किताबें ग़ज़लों की”, प्रथम संस्करण - नीरज गोस्वामी, शिवना प्रकाशन, म.प्र., 2018, ISBN 978-93-87310-09-4.

3. ‘जया गोस्वामी का रचना समग्र’, डॉ. सुषमा शर्मा – ‘तैलंग-कुलम्’, जयपुर, अगस्त-अक्टूबर 2019.