जल महल

राजपूत कालीन महल

जलमहल राजस्थान की राजधानी जयपुर के मानसागर झील के मध्‍य स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक महल है। अरावली पहाडिय़ों के गर्भ में स्थित यह महल झील के बीचों बीच होने के कारण 'आई बॉल' भी कहा जाता है। इसे 'रोमांटिक महल' के नाम से भी जाना जाता था। राजपूत राजा सवाई जयसिंह द्वारा निर्मित यह महल मध्‍यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्‍त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। जलमहल अब पक्षी अभ्‍यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है। यहाँ की नर्सरी में 1 लाख से अधिक वृक्ष लगे हैं जहाँ राजस्थान के सबसे ऊँचे पेड़ पाए जाते हैं।[1]

जल महल
स्थानजयपुर
निर्देशांक26°57′13″N 75°50′47″E / 26.9537°N 75.8463°E / 26.9537; 75.8463निर्देशांक: 26°57′13″N 75°50′47″E / 26.9537°N 75.8463°E / 26.9537; 75.8463
प्रकारमीठे पानी की झील- मनोरंजनकारी
जलसम्भर23.5 वर्ग किलोमीटर (9.1 वर्ग मील)
द्रोणी देशभारत
सतही क्षेत्रफल300 एकड़ (120 हे॰)
अधिकतम गहराई4.5 मीटर (15 फीट)
बस्तियाँजयपुर
 
जल महल के समीप मानसागर बाँध

जयपुर-आमेर मार्ग पर मानसागर झील के मध्‍य स्थित इस महल का निर्माण सवाई जय सिंह ने अश्वमेध यज्ञ के बाद अपनी रानियों और पंडित के साथ स्‍नान के लिए करवाया था। इस महल के निर्माण से पहले मानसिंह ने जयपुर की जलापूर्ति हेतु गर्भावती नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील का निर्माण करवाया।[2] इसका निर्माण 1699 में हुआ था। इसके निर्माण के लिए राजपूत शैली से तैयार की गई नौकाओं की मदद ली गई थी। राजा इस महल को अपनी रानी के साथ ख़ास वक्‍त बिताने के लिए इस्‍तेमाल करते थे। वे इसका प्रयोग राजसी उत्सवों पर भी करते थे।[3]आम जनता शाम को इसकी पाल पर आनंद लेती हैं.

 
पुनर्नवीकरण के पश्चात जल महलजलमहल

मध्‍यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्‍त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। इसकी उपरी मंजिल की चारों कोनों पर बुर्जो की छतरियाँ व बीच की बरादरिया, संगमरमर के स्‍तम्‍भों पर आधारित हैं।[4]

 
Jalmahal jaipur perspective view in evening of march in India

तपते रैगिस्तान के बीच बसे इस महल में गरमी नहीं लगती, क्‍योंकि इसके कई तल पानी के अंदर बनाए गए हैं। इस महल से पहाड़ और झील का ख़ूबसूरत नज़ारा भी देखा जा सकता है। चांदनी रात में झील के पानी में इस महल का नजारा बेहद आकर्षक होता है। जलमहल अब पक्षी अभ्‍यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है। जल महल के नर्सरी में 1 लाख से ज्‍यादा वृक्ष लगे हुए हैं। दिन रात 40 माली पेड़ पौधों की देखभाल में लगे रहते हैं। यह नर्सरी राजस्थान का सबसे उंचे पेड़ों वाला नर्सरी है। यहां अरावली प्‍लांट, ऑरनामेंटल प्‍लांट, शर्ब, हेज और क्रिपर की हजारों विभिन्नताएँ मौजूद हैं। यहाँ के १५0 वर्ष पुराने पेड़ों को ट्रांसप्‍लांट कर नया जीवन दिया गया है। हर साल यहां डेट पाम, चाइना पाम और बुगनबेलिया जैसे शो प्‍लांट को ट्रांसप्‍लांट किया जाता है।[5]

  1. "Tourist Places Jaipur - Jal Mahal / Water Palace". मूल से 30 जून 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जुलाई 2012.
  2. "History of Jal Mahal in Jaipur". मूल से 15 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जुलाई 2012.
  3. "Jal Mahal History". मूल से 20 जुलाई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जुलाई 2012.
  4. "Features of Jal Mahal in Jaipur". मूल से 15 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जुलाई 2012.
  5. "Jal Mahal". मूल से 26 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जुलाई 2012.